BJP Goa Pandurang Madkaikar: पिछले कुछ दिनों से गोवा बीजेपी में पूर्व मंत्री पांडुरंग मडकईकर के बयानों को लेकर घमासान का माहौल है। मडकईकर ने हाल ही में दो ऐसे बयान दिए हैं, जो गोवा की बीजेपी सरकार के कामकाज को कटघरे में खड़ा करते हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि बीजेपी को उसके सख्त अनुशासन के लिए जाना जाता है।
क्या कहा पांडुरंग मडकईकर ने?
बीजेपी नेता ने पहले यह बयान दिया कि राज्य की ‘बीजेपी सरकार के मंत्री पैसे गिनने में बिजी’ हैं। इसके बाद जब 4 मार्च को बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष के साथ उनकी बैठक हुई, तब भी उन्होंने एक ऐसा ही सनसनीखेज बयान दिया और कहा कि ‘गोवा में लूट जारी है’।
मडकईकर ने दावा किया कि हाल ही में जब उन्हें एक फाइल को आगे बढ़ाना था तो इसके लिए गोवा के बीजेपी मंत्री के पर्सनल असिस्टेंट को 15 से 20 लाख रुपए की रिश्वत देनी पड़ी थी। मडकईकर के बयानों को विपक्ष ने लपक लिया है और इस मामले में गोवा की एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत भी दर्ज कराई है।
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कौन हैं मडकईकर?
मडकईकर गोवा के वरिष्ठ नेता हैं। वह 2002 के विधानसभा चुनाव में पहली बार महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के टिकट पर कुंबरजुआ सीट से विधायक बने थे और गोवा की एनडीए सरकार में परिवहन मंत्री बने थे। 2003 में वह बीजेपी में चले गए और 2 साल बाद इस्तीफा देकर कांग्रेस में आ गए। फिर वह कांग्रेस के टिकट पर भी कुंबरजुआ से उपचुनाव जीते और फिर से कैबिनेट मंत्री बने। 2007 के विधानसभा के चुनाव में भी वह चुनाव जीते और 2012 में भी इसी सीट से गोवा की विधानसभा में पहुंचे।
2017 के विधानसभा के चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हुए और फिर चुनाव जीते और एक बार फिर बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2022 के विधानसभा चुनाव में खराब स्वास्थ्य की वजह से बीजेपी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया लेकिन वह चुनाव हार गईं।
The Indian Express से बातचीत में पूर्व मंत्री मडकईकर ने कहा कि वह सही समय आने पर उस मंत्री का नाम बताएंगे जिसके लिए उन्होंने आरोप लगाया था कि उस मंत्री के पर्सनल असिस्टेंट को उन्हें 15 से 20 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी थी।
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मुख्यमंत्री से है कार्रवाई की उम्मीद: मडकईकर
मडकईकर ने कहा, ‘यह मामला अब बंद हो चुका है। हम सभी एक ही पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी ने इस पर संज्ञान लिया है। मुझे बताया गया है कि पार्टी अब उचित कार्रवाई करेगी। मुझसे यह भी कहा गया है कि अगर कोई शिकायत हो तो पार्टी पदाधिकारियों को बताएं। मैंने अपनी शिकायत उन्हें बता दी है।’
मडकईकर ने कहा कि उन्होंने गोवा के नागरिक होने के नाते इस बारे में अफसरों को सूचित किया था। उन्होंने The Indian Express से कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का कामकाज देखा है, अगर वह होते, तो वे तुरंत उन्हें (मंत्री को) बर्खास्त कर देते। उन्होंने कार्रवाई की होती। मैं मुख्यमंत्री (प्रमोद सावंत) से यही उम्मीद करता हूं।’
मडकईकर ने कहा कि बीजेपी में उन्हें लंबे समय से दरकिनार किया जा रहा है। 2020 में गोवा लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मडकाइकर के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अपनी ही सरकार पर इतने गंभीर आरोप लगाने के बाद भी बीजेपी मडकईकर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
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