रॉबर्ट वाड्रा के कथित भूमि मामले में राजस्थान सरकार की कार्रवाई को भाजपा ने ‘‘कानून की जीत’’ बताया, लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसे वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं बताते हुए सवाल किया कि उनके विरुद्ध भाजपा शासन एफआईआर क्यों नहीं दर्ज करा रहा है।
राजस्थान सरकार द्वारा बीकानेर में सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से कथित रूप से जुड़ी भूमि का कब्जा वापस लिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्र ने कहा, ‘‘हम शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि जो भी दोषी हो, चाहे भूमि अधिग्रहण का मामला हो या कोई और मामला, कानून अपना काम करेगा।’’
उन्होंने कहा कि हमसे बार बार सवाल किए जा रहे थे कि भाजपा की सत्ता वाले राजस्थान में वाड्रा की कंपनी से जुड़ी कथित अनियमतताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। पात्र ने कहा, ‘‘इस मामले की जांच की रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है और राज्य सरकार ने कार्रवाई की है। मैं मानता हूं कि यह कानून की जीत है और भविष्य की कार्रवाइयों के बारे में समय ही बताएगा।
उधर आम आदमी पार्टी ने राजस्थान सरकार के कदम को ‘‘वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई नहीं’’ बताते हुए कहा कि उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘मुझे हैरानी है कि राजस्थान में भाजपा सरकार एक साल से अधिक से जांच कर रही है और वह केवल 300 एकड़ भूमि सौदे को ही रद्द कर सकी है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या उस व्यक्ति के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज हुई जिसने यह सब किया? आप उस व्यक्ति के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई करेंगे या नहीं?’’
सिसोदिया ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘यह आपराधिक मामला है या नहीं और क्या आप भूमि सौदा रद्द करके ‘बड़े परिवार’ को केवल परेशान भर करना चाहते हैं। ऐसा कैसे हुआ कि एक आम व्यापारी बिना कुछ निवेश किए अरबपति बन गया। इस सबकी जांच होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने महज भूमि सौदा रद्द कर दिया जो अपने आप में कोई कार्रवाई नहीं है।
राजस्थान सरकार ने बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में स्वामित्व के हस्तांतरण को रद्द करते हुए लगभग 360 हैक्टेयर भूमि वापस ले ली है। बताया जाता है कि इसमें से 74.85 हैक्टेयर भूमि कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी की है। प्राप्त खबरों के अनुसार सोलह काश्तकारों की करीब 377 हैक्टेयर जमीन के नामांतरण खारिज कर दिये गए हैं।
कोलायत उपखंड अधिकारी रण सिंह ने बताया कि कोलायत तहसीलदार की ओर से भेजे गये प्रस्ताव के अनुरूप 31 अक्तूबर 2014 को किया गया आवंटन निरस्त कर दिया गया है। यह आदेश गोयलरी, गजनेर, इन्दों का बाला और मढ गांव की करीब 377 हैक्टेयर भूमि का आवंटन निरस्त करने से संबद्ध है। तहसीलदार ने इस भूमि का कब्जा ले लिया है।
सिंह से पूछा गया कि क्या रद्द किये आंवटन में रॉबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी की भूमि शामिल है या नहीं, उन्होंने कहा कि यह बात उनकी जानकारी में नहीं है। उन्होंने कहा कि फर्जी नामांतरण के बाद यह भूमि किसको बेची गयी, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।