कुछ दिनों पहले ही तिहाड़ जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक ऐलान कर दिल्ली की सियासत में जबरदस्त हलचल पैदा कर दी। केजरीवाल ने कहा कि वह अगले दो दिन में अपने पद से इस्तीफा देंगे और तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक लोग उन्हें फिर से चुनकर नहीं भेजते।
2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। दिल्ली में विधानसभा की 70 और लोकसभा की 7 सीटें हैं।
दिल्ली में पिछले कुछ चुनावों में किस दल को मिली कितनी सीटें
साल | बीजेपी को मिली सीटें | आप को मिली सीटें | कांग्रेस को मिली सीटें |
2013 विधानसभा चुनाव | 32 | 28 | 8 |
2014 लोकसभा चुनाव | 7 | 0 | 0 |
2015 विधानसभा चुनाव | 3 | 67 | 0 |
2019 लोकसभा चुनाव | 7 | 0 | 0 |
2020 विधानसभा चुनाव | 8 | 62 | 0 |
2024 लोकसभा चुनाव | 7 | 0 | 0 |
विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद यह साफ था कि कोई भी राजनीतिक दल अपने दम पर सरकार नहीं बना सकता था और गठबंधन होने की भी कोई गुंजाइश नहीं थी। उस समय के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग ने आम आदमी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
कांग्रेस के समर्थन से बने थे पहली बार सीएम
इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस को 18 मुद्दों पर उनकी राय बताने के लिए पत्र लिखा था। बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने से पूरी तरह इनकार कर दिया था जबकि कांग्रेस ने 18 में से 16 मुद्दों पर अपनी सहमति जताई थी और आप को बाहर से समर्थन दिया था। कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल पहली बार 28 दिसंबर 2013 को दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे।
केजरीवाल ने 14 फरवरी, 2014 को सिर्फ 49 दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके पीछे वजह यह बताई गई कि आम आदमी पार्टी सरकार जन लोकपाल बिल को दिल्ली की विधानसभा में पेश नहीं कर पा रही है। केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया और विधानसभा को निलंबित कर दिया गया।
मोदी के सामने लड़े थे केजरीवाल
इसके बाद आम आदमी पार्टी ने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा। केजरीवाल ने बीजेपी की ओर से उस चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी से चुनाव लड़ा। लेकिन केजरीवाल को इस चुनाव में 3.71 लाख वोटों के अंतर से शिकस्त मिली।
चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल पर इंक और अंडे फेंकने की घटनाएं हुईं। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल उस ऑटो रिक्शा ड्राइवर से भी मिले जिसने उन्हें झूठा बताते हुए थप्पड़ मारा था।
2015 के चुनाव की तैयारियों में जुटी आप
लोकसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। लेकिन पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई। केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से सीएम की कुर्सी छोड़ने के लिए बार-बार माफी मांगी।
2015 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बहुत बड़ी जीत हासिल की। 70 सीटों में से पार्टी को 67 सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली जबकि कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। बता दें कि कांग्रेस 1998 से 2013 तक लगातार दिल्ली में सत्ता में रही थी।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी और 70 में से 62 सीटें जीती थी।