देश में एक बार फिर से महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई है ऐसा हम इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि आज सोमवार को केंद्र द्वारा थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए गए। आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में थोक मंहगाई दर 13.11 फीसदी की दर से बढ़ी है। यदि पिछले महीने से तुलना की जाए तो जनवरी में थोक मंहगाई दर 12.96 फीसदी रही थी जबकि दिसंबर में यह 13.56 रही। यह अप्रैल 2021 के बाद लगातार 11 वां महीना है जब थोक मंहगाई दर 10 फीसदी से ऊपर बनी हुई है।

युद्ध के कारण बढ़ी महंगाई: सरकार ने अपने बयान में कहा कि खनिज तेल (Mineral Oil), जिंसों (Commodities), केमिकल्स और केमिकल उत्पाद, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, खाद्य वस्तुओं और गैर खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि होने से फरवरी में महंगाई बढ़ी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में खाद्य वस्तुओं के दामों में महंगाई पिछले महीने जनवरी के मुकाबले 10.33 फीसदी से गिरकर 8.19 फीसदी पर आ गई है। जबकि सब्जियों के दाम में महंगाई पिछले महीने के मुकाबले 38.45 फीसदी से गिरकर 26.93 फीसदी रह गई है। जो दिसंबर में 31.56 फीसदी थी।

सब्जियों में बढ़ी महंगाई: आलू के दामों में महंगाई 14.78 फीसदी तक बढ़ गई है जो पिछले महीने 14.45 फीसदी थी। अंडे,मांस और मछली की कीमतों में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि गेंहू की कीमतों में 11 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

तेल की कीमतों वृद्धि: इस बार महंगाई का सबसे ज्यादा असर तेल की कीमतों में वृद्धि होने से पड़ा है। देश में सभी ईंधनों की कीमत 31 फीसदी का उछाल आया है जो जनवरी में 32.27 फीसदी तक था। वहीं पेट्रोल की कीमत में 58 फीसदी की वृद्धि हुई है। तेल की कीमतों में रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण पिछले एक महीने में 30 फीसदी तक की तेजी हुई है। रूस, अमेरिका और सऊदी अरब के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस अपना 65 फीसदी कच्चा तेल निर्यात नही कर पा रहा है जिसके कारण दुनिया में कच्चे तेल की कीमतें ऊपर बनी हुई है।