प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सांसदों के लिए नए 184 फ्लैट का उद्घाटन किया, बताया जा रहा है कि हर फ्लैट 5000 स्क्वायर फीट के क्षेत्रफल में बना हुआ है। अब पीएम मोदी ने जिन फ्लैट का उद्घाटन किया गया है उनमें 180 से ज्यादा सांसद एक साथ रहने वाले हैं। ये सभी फ्लैट टाइप 8 कैटेगरी के हैं। सरकारी आवास के लिए इसे बेस्ट कैटेगरी माना जाता है यानी कि सभी सुविधाएं इनमें मिलती हैं।
सांसदों को बंगले कैसे आवंटित होते हैं?
अब सवाल आता है कि सांसदों को बंगले कैसे आवंटित किए जाते हैं? असल में राजधानी दिल्ली का जो लुटियंस जोन होता है वहां पर सांसदों को बंगले दिए जाते हैं। असल जनरल पूल रेजिडेंशियल अकोमोडेशन एक्ट है, उसके नियमों का पालन करना जरूरी रहता है। इसके ऊपर 1922 में एक विभाग बनाया गया था- डायरेक्टरेट आफ स्टेटस। यह विभाग केंद्र सरकार की संपत्तियों की देखभाल तो करता ही है, इसके अलावा सांसदों को कौन से बंगले दिए जाएंगे, यह जिम्मेदारी भी इसी के पास होती है। वैसे सांसदों को जो बंगले मिलते हैं, उसमें एक अहम भूमिका लोकसभा और राज्यसभा की आवासीय समिति की भी रहती है।
कितने तरह के होते हैं बंगले?
अब ऐसा नहीं है कि सभी बंगले एक तरह के होते हैं, सांसदों के अनुभव के आधार पर उनके कद को देखते हुए भी बंगलो का आवंटन किया जाता है। जो सबसे छोटे बंगले होते हैं उन्हें टाइप वन कैटिगरी में रखा जाता है। उनमें केंद्रीय कर्मचारी और दूसरे अधिकारी रहते हैं। इसके बाद टाइप छह से लेकर टाइप आठ तक वाले बंगले आते हैं, इनमें केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और सांसद रहते हैं। जो सांसद पहली बार जीत कर आते हैं, उन्हें टाइप पांच कैटेगरी का बंगला मिलता है। अगर कोई दो बार लगातार जीत दर्ज करता है तो उसे टाइप छह कैटेगरी का बंगला मिल जाता है। वही जो टाइप आठ वाले बंगले होते हैं, वहां सुप्रीम कोर्ट के जज, कैबिनेट मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री रहते हैं।
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पीएम मोदी ने फ्लैट उद्घाटन को लेकर क्या बोला?
पीएम मोदी ने कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले मैंने कर्तव्य पथ ओर common central secretariat यानी कर्तव्य भवन का लोकार्पण किया था। आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए इस Residential Complex के उद्घाटन का अवसर मिला है। इन 4 towers के नाम भी बहुत सुंदर हैं। कृष्णा, गोदावरी, कोसी, हुगली, भारत की चार महान नदियां, जो करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं। अब उनकी प्रेरणा से हमारे जन प्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी। इसके बाद पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को परेशानी भी होगी। कोसी नदी पर नाम रखा है, तो उनको कोसी नदी नहीं दिखेगी, उनको बिहार का चुनाव नजर आएगा।
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