BJP National President Election 2025: देश की सियासत में दिल्ली विधानसभा चुनाव के अलावा एक बड़ी चर्चा इस बात की है कि बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इसके लिए पार्टी इन दिनों चुनावी कसरत में जुटी हुई है। पहले यह कहा जा रहा था कि जनवरी तक बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा लेकिन अब यह जानकारी सामने आई है कि फरवरी या मार्च में यानी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद ही पार्टी अपने नए अध्यक्ष के नाम का ऐलान करेगी।
मौजूदा वक्त में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष के पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
द ट्रिब्यून के मुताबिक, पार्टी का सदस्यता अभियान पहले नवंबर तक पूरा होना था लेकिन यह अभी भी चल रहा है। पार्टी ने 20 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन अभी तक यह आंकड़ा 12 करोड़ तक ही पहुंचा है। पिछली बार पार्टी ने 18 करोड़ सदस्य बनाए थे और इसमें वे लोग भी शामिल थे जिन्होंने मिस कॉल से पार्टी की सदस्यता ली थी।
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द ट्रिब्यून के मुताबिक, महाराष्ट्र और झारखंड सहित कुछ और राज्य हैं जहां पर विधानसभा चुनाव की वजह से सदस्यता अभियान पूरा नहीं हो पाया है। इन राज्यों में संगठन के चुनाव होने के बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा और ऐसे में यह मामला फरवरी और मार्च तक खिंच सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक इलेक्टोरल कॉलेज भी बनाया जाएगा और इसका गठन 25 जनवरी तक कर दिया जाएगा।
- किसे अध्यक्ष बनाएगी पार्टी?
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर कौन बैठेगा, इसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं सियासी गलियारों में चल रही हैं। ऐसे वरिष्ठ नेताओं में भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान और के. लक्ष्मण का नाम सबसे आगे है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान के नाम भी चर्चा में हैं। हालांकि बीजेपी चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि एनडीए सरकार का नेतृत्व कर रही इस पार्टी का अध्यक्ष कौन बनेगा।
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आरएसएस की भी ली जाएगी राय
राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में निश्चित रूप से बीजेपी का नेतृत्व आरएसएस से भी राय मशविरा करेगा। यह भी तय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पसंद सबसे अहम होगी।
समीकरणों का ध्यान रखेगी पार्टी
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन करते वक्त ओबीसी, सवर्ण और दलित समुदाय सहित क्षेत्र और जातियों के समीकरण का भी पूरा ध्यान रखेगी। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी किसी युवा नेता पर भी दांव लगा सकती है।
बीजेपी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले 50% राज्य इकाइयों का पुनर्गठन हो जाना चाहिए। राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष भी चुने जाने हैं।
कैसे होता है राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज के द्वारा किया जाता है। इसमें बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शामिल होते हैं। राष्ट्रीय परिषद में प्रदेश अध्यक्ष और राज्यों में चुने गए डेलीगेट होते हैं।
बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव के लिए जो इलेक्टोरल कॉलेज बनाया जाना है, उसके गठन के लिए भी 29 नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे नेताओं में हिमाचल प्रदेश के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, गुजरात के लिए भूपेंद्र यादव, मध्य प्रदेश के लिए धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर प्रदेश के लिए पीयूष गोयल, तमिलनाडु के लिए जी. किशन रेड्डी, राजस्थान के लिए विजय रूपाणी, बिहार के लिए मनोहर लाल खट्टर, कर्नाटक के लिए शिवराज चौहान, असम के लिए गजेंद्र शेखावत और केरल के लिए प्रहलाद जोशी का नाम शामिल है।
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