Gopal Rai vs Atishi opposition Leader: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इतनी बड़ी हार की कल्पना नहीं की थी। पार्टी दिल्ली में फिर से सरकार बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही थी लेकिन वह सिर्फ 22 सीटें ही जीत सकी। चुनाव हारने के बाद पार्टी के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली में पार्टी की हार इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन सहित तमाम बड़े चेहरे चुनाव हार गए।

चुनाव नतीजों के तुरंत बाद पार्टी के तीन पार्षदों ने उसका साथ छोड़ दिया और अब सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी दिल्ली में किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी?

चूंकि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जैसे बड़े नेता चुनाव हार गए हैं इसलिए दिल्ली की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा, इस मामले में भी पार्टी को फैसला लेना है।

दिल्ली के लोगों को है AAP पर भरोसा: राय

आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि पार्टी दिल्ली में अपनी यूनिट का फिर से गठन करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों को लेकर पार्टी के सभी संगठन सचिव, अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष रिपोर्ट सौंपेंगे और 19 फरवरी को पार्टी की एक अहम बैठक होगी। गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी को चुनाव में 43.6% वोट मिले हैं और बीजेपी को सिर्फ दो प्रतिशत वोट ज्यादा मिले हैं।

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राय ने कहा कि दिल्ली के लोगों को अभी भी आम आदमी पार्टी पर भरोसा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए ताकत का गलत इस्तेमाल किया और सारे राज्यों के नेताओं को दिल्ली में लगा दिया। गोपाल राय ने यह भी कहा कि बीजेपी जब अपने मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान करेगी, उसके बाद ही आम आदमी पार्टी की ओर से विपक्ष के नेता के नाम की घोषणा की जाएगी।

इन नेताओं के नाम की है चर्चा

अब सवाल यह है कि आम आदमी पार्टी नेता प्रतिपक्ष किसे बनाएगी। इस दौड़ में निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी, गोपाल राय, लगातार चार चुनाव जीतने वाले संजीव झा और जरनैल सिंह के नाम चर्चा में हैं। याद दिलाना होगा कि बीते साल अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आतिशी को मुख्यमंत्री बनाया था और ऐसा करके उन्होंने महिला कार्ड खेला था।

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ऐसे में सवाल यह है कि क्या इस बार भी अरविंद केजरीवाल आतिशी को मौका देंगे। आतिशी ने चुनाव में बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा को हराया है। हालांकि गोपाल राय भी लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं और लंबे वक्त से दिल्ली में पार्टी के संयोजक हैं। राय पूर्वांचली चेहरे हैं और परिवहन सहित कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

इसी तरह संजीव झा दिल्ली में काफी प्रभावशाली माने जाने वाले पूर्वांचल समाज से आते हैं और जरनैल सिंह भी प्रभावशाली समुदाय सिख-पंजाबी मतदाताओं के बीच पकड़ रखते हैं। हालांकि नेता प्रतिपक्ष के चयन के मामले में अरविंद केजरीवाल की मुहर ही अंतिम होगी। देखना होगा कि केजरीवाल दिल्ली की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर किस विधायक को नियुक्त करते हैं।

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बीजेपी ने अब तक नहीं किया CM के नाम का ऐलान

दूसरी ओर, बीजेपी भी अब तक मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान नहीं कर पाई है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी और 20 फरवरी को नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में प्रवेश वर्मा, विजेंद्र गुप्ता, रेखा गुप्ता सहित कई नाम आगे चल रहे हैं।

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