कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी (सीपीएम) के दिग्गज नेता और महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। येचुरी की मौत के बाद पार्टी को उनके विकल्प का भी चुनाव करना है। येचुरी दिल्ली से केरल और बंगाल तक एक चर्चित और सर्वमान्य नेता था। जो पिछले 9 सालों से पार्टी के महासचिव थे। हालांकि उनका कार्यकाल अगले साल अप्रैल में समाप्त होने वाला था जिसके बाद पार्टी का अगला महासचिव चुना जाना था लेकिन अब उनके निधन के बाद महासचिव की खोज शुरू हो गई है।
वर्तमान समय में सीपीएम की सरकार एकमात्र राज्य केरल में है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि सीपीएम का अगला महासचिव केरल से ही बने। अभी जिस नाम की चर्चा है उसमें एमए बेबी और ए. विजयराघवन प्रमुख रूप से हैं। सीपीएम की की सबसे महत्वपूर्ण इकाई पोलित ब्यूरो में कुल 17 मेंबर हैं। इसमें पार्टी के पूर्व महासचिव प्रकाश करात, उनकी पत्नी वृंदा करात, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार जैसे नेता शामिल हैं। इन सभी नेताओं की उम्र वर्तमान में 75 से ज्यादा है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीपीएम में यह नियम है कि 75 साल से ज्यादा आयु के नेताओं को पार्टी-संगठन में जिम्मेदारी मिलती है।
75 से कम उम्र वालों को ही मिलेगा मौका
पोलित ब्यूरो में ही पश्चिम बंगाल के तपन सेन, आंध्र प्रदेश के बीवी राघवलु और केरल के एमए बेबी है। जिनकी उम्र 75 से कम है। केरल में सरकार होने के वजह से वर्तमान में सीपीएम में केरल लॉबी ज्यादा मजबूत है।
पार्टी बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में अब कमजोर हो गई है। इस वजह से ऐसी संभावना है कि अब पार्टी की कमान केरल लॉबी के हाथों में दी जाए। वहीं पोलित ब्यूरो में केरल से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एमवी गोविंदन और ए विजयराघवन भी हैं। जो काफी प्रभाव रखते हैं।
कौन है एमए बेबी?
लंबे समय से एमए बेबी सीपीएम से जुड़े हुए हैं। वो 40 साल पहले सीपीएम की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के ऑल इंडिया प्रेसिडेंट थे। उनके बाद सीपीआई छात्र विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष येचुरी बने थे। अब वर्तमान में येचुरी के निधन के बाद एमए बेबी उनकी जगह पार्टी के नए महासचिव बन सकते हैं।
