डोनाल्ड ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से वह बड़े फैसले ले रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप लगातार अमेरिका से दूसरे देशों को मिलने वाली राशि में कटौती की घोषणा कर रहे हैं। अब उन्होंने भारत को मिलने वाली 21 मिलियन डॉलर की राशि पर रोक लगा दी है। ट्रंप के अनुसार यह राशि लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए दी जा रही थी।

21 मिलियन डॉलर की फंडिंग चर्चा में

जब से इस फंडिंग पर रोक लगी है, तब से USAID इंडिया की पूर्व डायरेक्टर वीना रेड्डी चर्चा में हैं। वीना रेड्डी पर आरोप लगा है कि उन्होंने ही भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की थी।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी में भी फंडिंग की जांच की मांग की है। उन्होंने वीना रेड्डी की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी फंडिंग को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि यह फंडिंग शायद लोकसभा चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया गया हो सकता है। ट्रंप ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे (USAID) किसी और को चुनाव जीताना चाहते थे, हमें भारत सरकार को यह बताना होगा।

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आंध्र प्रदेश से हैं वीना रेड्डी

वीना रेड्डी आंध्र प्रदेश की निवासी हैं और उन्होंने 5 अगस्त 2021 को USAID इंडिया ज्वाइन किया था। 17 जुलाई 2024 तक वह पद पर बनी रहीं। 3 साल तक उन्होंने USAID इंडिया के लिए काम किया। USAID ने भारत में परियोजनाओं के लिए 228 मिलियन डॉलर की राशि 2022 में आवंटित की थी। यह राशि भी चर्चा में है और उस दौरान USAID इंडिया की डायरेक्टर वीना रेड्डी ही थी।

वीना रेड्डी न्यूयार्क, लंदन और लॉस एंजेलिस में भी एक कारपोरेट वकील के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है। वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से उन्होंने MA और BA की डिग्री प्राप्त की है। वीना रेड्डी ने पाकिस्तान, सेंट्रल एशिया रिपब्लिक और सेंट्रल अमेरिका में भी USAID के मिशन के लिए काम किया है। वीना रेड्डी न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया बार काउंसिल की सदस्य भी हैं।