साउथ वेस्ट दिल्ली के वसंतकुंज नॉर्थ थाने में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ कई छात्राओं से यौन शोषण और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। इस बात की जानकारी पुलिस ने मंगलवार को दी है। पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ संस्थान के एक एडमिनिस्ट्रेटर से शिकायत मिली थी। इसमें संस्थान में ईडब्ल्यूएस स्कॉलरशिप के तहत पीजीडीएम कोर्स करने वाली छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया था। आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती अभी भी फरार है।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को बताया कि आरोपी की तलाश में छापेमारी जारी है। उसके खिलाफ फर्जी यूएन नंबर प्लेट वाली वोल्वो कार इस्तेमाल करने का एक और मामला दर्ज किया गया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने कई छात्राओं से पूछताछ की और पाया कि उनमें से लगभग 17 को रोजाना आरोपी द्वारा यौन दुराचार का सामना करना पड़ता था। इसमें महिला कर्मचारी कथित तौर पर पीड़ितों को चैतन्यानंद की मांगों को पूरा करने के लिए कहती थीं।

पूछताछ के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए- डीसीपी अमित गोयल

डीसीपी (साउथ-वेस्ट) अमित गोयल ने कहा ने कहा, “पूछताछ के दौरान 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 ने आरोपी द्वारा गाली-गलौज, अश्लील व्हाट्सएप-एसएमएस और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया। पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि फैकल्टी और एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर काम करने वाली महिलाओं ने उन्हें चैतन्यानंद की मांगें मानने के लिए उकसाया और दबाव डाला।”

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पुलिस ने बीएनएस की धाराओं के तहत केस दर्ज किया

इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 351(2) के तहत मामला दर्ज कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि पटियाला हाउस कोर्ट में पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए गए। डीसीपी गोयल ने बताया, “सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और घटनास्थल के साथ-साथ कथित व्यक्ति के ठिकानों पर कई छापे मारे गए। हालांकि, आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। संस्थान से इकट्ठा किए गए एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डिंग) और हार्ड डिस्क को जांच के लिए फोरेंसिक डिपार्टमेंट भेजा गया है। पटियाला हाउस कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 16 पीड़ितों के बीएनएसएस की धारा 183 के तहत बयान दर्ज किए गए हैं।”

एक यूएन नंबर की कार मिली- डीसीपी गोयल

जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि चैतन्यानंद कथित तौर पर एक फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट वाली लाल वोल्वो कार का इस्तेमाल कर रहा था। इस पर ’31 यूएन’ लिखा था। यह यूनाइटेड नेशन की नंबर प्लेट है। डीसीपी गोयल ने बताया, “संस्थान के बेसमेंट में एक वोल्वो कार खड़ी मिली। जांच करने पर पता चला कि जाली डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट 31 यूएन, वाली कार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा इस्तेमाल की जाती है।” एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चैतन्यानंद का आखिरी ठिकाना आगरा में था, लेकिन दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई छापों के बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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