प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के श्री सत्यसाईं जिले में आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लिया। समारोह के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने पुट्टपर्थी स्थित उनकी महासमाधि पर सत्य साईं बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, सचिन तेंदुलकर, ऐश्वर्या राय बच्चन, केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू किंजरपु, जी किशन रेड्डी और अन्य लोग भी शताब्दी समारोह में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “श्री सत्य साईं अस्पताल में पहली बार आने वाले गरीब परिवार यह देखकर दंग रह जाते हैं कि वहाँ कोई बिलिंग काउंटर ही नहीं है। हालाँकि इलाज मुफ़्त है, फिर भी मरीज़ों और उनके परिवारों को कोई असुविधा नहीं होती। आज 20,000 से ज़्यादा बेटियों के नाम सुकन्या समृद्धि योजना खाते खोले जा चुके हैं। इससे उनकी शिक्षा और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित हुआ है। भारत सरकार ने बेटियों की शिक्षा और उनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए 10 साल पहले सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी। यह देश में सबसे ज़्यादा ब्याज दरों में से एक है, जो हमारी बेटियों को 8.2% की सबसे ज़्यादा ब्याज दर प्रदान करती है। अब तक सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 4 करोड़ से ज़्यादा बेटियों के खाते खोले जा चुके हैं, और आपको यह जानकर खुशी होगी कि इन बैंक खातों में 3.25 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा जमा हो चुके है।”
सत्य साईं बाबा (1926–2011) भारत के एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, समाजसेवी और साईं आंदोलन के प्रमुख व्यक्तित्व थे। उनका जन्म 23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टापर्थी में हुआ था। उनका मूल नाम सत्यनारायण राजू था। 14 साल की उम्र में उन्होंने घोषणा की कि उनका नाम सत्य साईं बाबा है और अपने जीवन के उद्देश्य की घोषणा की।
साईं बाबा के भक्तों ने बनवाया प्रशांति निलयम
1950 में सत्य साईं बाबा के भक्तों ने एक मंदिर, आवासीय परिसर और एक आध्यात्मिक परिसर बनवाया। उन्होंने इस आध्यात्मिक परिसर (या आश्रम) का नाम ‘प्रशांति निलयम’ रखा। आज, यह आश्रम उन हजारों भक्तों को आवास और खाने की सुविधा मुहैया कराता है, जो सत्य साईं बाबा के विश्राम स्थल के दर्शन करने और आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए आते हैं।
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1968 में की विदेश यात्रा
29 जून 1968 को उन्होंने अपनी पहली और एकमात्र विदेश यात्रा की। वो युगांडा गए। जहां नैरोबी में उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां आपके दिल में प्यार और सद्भाव का दीप जलाने आया हूं, मैं किसी धर्म के लिए नहीं आया, किसी को भक्त बनाने नहीं आया, मैं तो प्यार का संदेश फैलाने आया हूं।
सत्य साईं बाबा में आस्था रखने वाले लोग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मौजूद हैं। आज विश्व के 148 देशों में सत्य साईं केंद्र स्थापित हैं। भारत में कई साईं संगठन हैं। जहां साईं भक्त सत्य साईं बाबा के आध्यात्मिक नियमों का पालन करते हुए बाबा के आध्यात्मिक संदेशों का प्रसार कर रहे हैं। इनके अनुयायी इन्हें शिरडी के साईं बाबा का अवतार मानते हैं। सत्य साईं बाबा का देहावसान 24 अप्रैल 2011 को हुआ।
