अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर है। शाइस्ता पर वसूली करने से लेकर हत्या की साजिश रचने तक के मामले दर्ज है। पिछले कई दिनों से शाइस्ता फरार है और पुलिस ने उसपर 50 हजार रुपये की इनामी राशि का ऐलान किया है। घर में रहने वाली शाइस्ता परवीन आज जुर्म की दुनिया का बड़ा नाम है। आइए जानते हैं कैसे मोस्ट वांटेड बनी शाइस्ता परवीन-

शाइस्ता परवीन प्रयागराज के दामुपुर गांव की रहने वाली है। वह एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल मोहम्मद हारुन की बेटी है। शाइस्ता का पूरा बचपन पुलिस कॉलौनी में ही बीता है। उनका परिवार सरकारी पुलिस क्वार्टर में रहा करता था। शाइस्ता अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसकी 4 बहनें और 2 भाई हैं। उसका एक भाई मदरसे का प्रिंसिपल है।

शाइस्ता ने 12वीं तक पढ़ाई की है और इसके बाद वह ज्यादातर घर के कामों में ही व्यस्त रहती थी। सूत्रों के मुताबिक, 1996 में अतीक से शादी के बाद काफी समय तक शाइस्ता परवीन ने खुद को घर और बच्चों तक ही सीमित रखा, लेकिन अतीक के साबरमती जेल जाने के बाद शाइस्ता पति के कारोबार को संभालने लगी। उसने सार्वजनिक तौर पर और राजनीतिक कार्यक्रमों में आना-जाना शुरू कर दिया। हालांकि, जैसे-जैसे इलाहाबाद में अतीक का कद बढ़ता गया, शाइस्ता का परिवार भी उसकी गतिविधियों में शामिल होने लगा था। शाइस्ता की शादी के थोड़े समय बाद ही उसका छोटा भाई जाकी अहमद, अतीक के जमीन के मामलों को संभालने लगा। फिलहाल वह लखनऊ के एक व्यापारी मोहित जयसवाल के अपहरण मामले में लखनऊ जेल में बंद है। शाइस्ता और अतीक दो बेटे अली और उमर जेल में हैं, 2 बेटे नाबालिग हैं, जो बाल सुधार गृह में हैं। इसके अलावा, एक बेटे असद की पुलिस एनकाउंटर में मोत हो गई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज स्कूल के एक रिटायर्ड टीचर ने बताया कि शाइस्ता काफी शालीन स्वाभाव की थी और हर पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में मौजूद रहती थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या में शाइस्ता कैसे सामने आईं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह गुजरात की साबरमती जेल में अपने पति से मिलने गई थी, जहां दोनों ने उमेश पाल की हत्या की योजना बनाई।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में अतीक ने शाइस्ता से जेल में फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराने को कहा था। उसने शाइस्ता को उस पुलिसवाले का नाम भी बताया, जो जेल में फोन फोन और सिम पहुंचाएगा। इसके अगले ही दिन, अतीक को फोन भेजा गया, जिससे उसने शूटरों से बात करके इस क्राइम की योजना बनाई।”

एक प्रॉपर्टी डीलर जीशान ने भी शाइस्ता पर वसूली के लिए फोन करके धमकाने का आरोप लगाया है। बिल्डर ने कि शाइस्ता ने कई बार फोन करके धमकी दी थी कि अतीक रंगदारी की मांग कर रहा है।

उमेश पाल की हत्या के बाद से शाइस्ता फरार है। यूपी पुलिस के एक डोजियर के मुताबिक, उनके खिलाफ 2009 से प्रयागराज में चार मामले दर्ज हैं। इनमें एक हत्या का और तीन धोखाधड़ी के केस है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों मामले जिले के विशेष सीजेएम की अदालत में विचाराधीन हैं। सितंबर 2021 में शाइस्ता एआईएमआईएम में शामिल हुई। जनवरी 2023 में वह मेयर चुनाव के लिए टिकट पाने के लिए बसपा में शामिल हो गई, लेकिन उमेश पाल की हत्या के बाद पार्टी ने खुद को उससे दूर कर लिया और बाद में मेयर पद के उम्मीदवारों की सूची से उसका नाम हटा दिया।