जनलाल परिवार की हार से आदमपुर में नई जीत की शुरुआत
हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट, जिस पर पांच दशक से भजनलाल परिवार का राज था, इस बार उनके हाथ से निकल गई। इस बार यह सीट एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी चंद्रप्रकाश ने जीती है, जिससे वह अचानक चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर भजनलाल के गढ़ को ध्वस्त कर दिया। यह चुनाव नतीजे भजनलाल परिवार के लिए बड़ा झटका साबित हुए।
भजनलाल परिवार का 56 साल का दबदबा खत्म
आदमपुर सीट पर 1968 से भजनलाल परिवार का कब्जा था। भजनलाल ने ग्राम पंचायत के पंच से राजनीति की शुरुआत की थी और 1968 में पहली बार आदमपुर से विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने लगातार नौ बार इस सीट पर जीत दर्ज की। उनकी पत्नी और बेटों ने भी इस विरासत को बनाए रखा, लेकिन 2024 में पहली बार इस पर विराम लग गया।
चंद्रप्रकाश की ऐतिहासिक जीत
चंद्रप्रकाश की ऐतिहासिक जीत
इस बार पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर 1,268 वोटों से जीत हासिल की। चंद्रप्रकाश, जो कभी भजनलाल के करीबी माने जाने वाले पूर्व सांसद रामजी लाल के भतीजे हैं, अब उसी परिवार के पोते को हराकर नए राजनीतिक समीकरण बना दिए हैं। चंद्रप्रकाश के लिए यह जीत बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
चंद्रप्रकाश का जीवन और शिक्षा
चंद्रप्रकाश का जीवन और शिक्षा
चंद्रप्रकाश का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को हिसार के आर्यनगर गांव में हुआ। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और फिर हिसार के डीएन कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक किया। इसके बाद उन्होंने 1981 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की और सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए।
प्रशासनिक सेवाओं में शानदार सफर
1983 में चंद्रप्रकाश ने हरियाणा सिविल सर्विसेज (HCS) की परीक्षा पास की और पीसीएस अधिकारी बने। 1995 में उन्हें आईएएस के रूप में प्रमोशन मिला। उन्होंने मेवात, करनाल, महेंद्रगढ़ और झज्जर जैसे जिलों में डिप्टी कमिश्नर के रूप में काम किया। इसके अलावा, वह राज्य के कई अहम विभागों में भी उच्च पदों पर तैनात रहे।
महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर योगदान
राजनीति में नई पारी
चंद्रप्रकाश ने हरियाणा पिछड़ा वर्ग निगम और हैफेड जैसी संस्थाओं के प्रबंध निदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं। इसके अलावा, उन्होंने परिवहन विभाग में महानिदेशक और परिवहन आयुक्त के रूप में भी काम किया। वह राज्य के राजस्व और परिवहन विभाग के सचिव भी रहे और 2017 में राज्य सूचना आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्त होने के बाद, 2022 में चंद्रप्रकाश ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और आदमपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस चुनाव में उन्होंने पहली बार भजनलाल परिवार को मात दी और राजनीति में अपनी पहचान मजबूत कर ली।