Who is PP Chaudhary: केंद्र के सत्ताधारी गठबंधन के सबसे बड़े घटक दल BJP का एक बड़ा मुद्दा ‘एक देश एक चुनाव’ (One Nation One Election) का रहा है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस चुनावी रिफॉर्म के विधेयक को मंजूरी देने के बाद लोकसभा में पेश कर दिया। कानून मंत्री ने इसे JPC के पास भेजने का प्रस्ताव हुआ और जेपीसी का गठन कर भी दिया। इस संयुक्त संसदीय समिति की अध्यक्षता बीजेपी अध्यक्षता पीपी चौधरी को दी गई है।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) की कमेटी के अध्यक्ष बनने के बाद BJP सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि यह महसूस किया गया है कि बार-बार चुनाव होने से खर्च बहुत बढ़ जाता है और जनता पर बोझ पड़ता है। अलग-अलग चुनावों में समय-समय पर मशीनरी तैनात की जाती है। आचार संहिता के कारण विकास कार्य गति नहीं पकड़ पाते और इससे देश को नुकसान हो रहा है, इसलिए वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए जेपीसी का गठन किया गया है।
जेपीसी में कौन-कौन सांसद हैं शामिल?
JPC करेगी चुनावी रिफॉर्म पर सिफारिश
बीजेपी सांसद ने JPC को लेकर कहा कि इसमें 27 लोकसभा और 12 राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP’s) हैं, जेपीसी समय-समय पर हितधारकों से मुलाकात करेगी और उसके बाद समिति निर्णय लेकर सरकार को अपनी सिफारिश देगी, सरकार उसके अनुसार अपना निर्णय लेगी।
एक देश एक चुनाव जैसे अहम मुद्दे के लिए बनी जेपीसी के अध्यक्ष के तौर पर नामित बीजेपी सांसद पीपी चौधरी का राजनीतिक कद बढ़ गया है। चौधरी का RSS से संबंध रहा है। 2014 में मोदी लहर में वह राजस्थान की पाली सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इससे पहले वे सुप्रीम कोर्ट से लेकर राजस्थान हाई कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता थे।
वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर क्या है सरकार की मंशा
राज्यमंत्री समेत कई अहम पदों पर रहे पीपी चौधरी
2014 में हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2014) में तीसरी बार पाली सीट से जीतकर चौधरी लोकसभा पहुंचे हैं। 2016 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, जब वे कई संसदीय समितियों का हिस्सा रहे थे – जिसमें लाभ के पदों पर संयुक्त संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष भी शामिल थे।
इतना ही नहीं, पीपी चौधरी को मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री, कानून और न्याय मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के रूप में शामिल किया गया था, और 2019 तक इस पद पर रहे। भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती पाली जिले से ताल्लुक रखने वाले पीपी चौधरी ने जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और सर्वोच्च न्यायालय में जाने से पहले उच्च न्यायालय में वकालत की।
पीपी चौधरी ने किया था ‘एक देश एक चुनाव’ का समर्थन
इस साल की शुरुआत में इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखे गए एक लेख में पीपी चौधरी ने भारतीयों की मेहनत की कमाई को बचाने के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का समर्थन किया था। उन्होंने यह भी लिखा था कि बार-बार होने वाले चुनावों के लिए राज्य मशीनरी और ईसीआई दोनों को संसाधनों का लगातार इस्तेमाल करना पड़ता है, जिससे चुनाव वाले क्षेत्रों में शासन, विकास और कल्याणकारी गतिविधियों पर नकारात्मक असर पड़ता है।
वन नेशन वन इलेक्शन के लिए वोटिंग में बीजेपी को क्यों अपने सांसदों पर आया गुस्सा?
चौधरी ने उल्लेख किया था कि जुलाई 2019 में, उन्होंने एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया था, जिसमें एक नया अनुच्छेद 324A जोड़ने की मांग की गई थी, ताकि ईसीआई को लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का निर्देश दिया जा सके। उन्होंने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि एक साथ चुनाव कराने का मतलब है कि क्षेत्रीय दल स्थानीय मुद्दों को मजबूती से नहीं उठा पाएंगे, इसके लिए उन्होंने आम चुनावों और 2019 में हुए चार विधानसभा चुनावों का उदाहरण दिया।
पीपी चौधरी ने लिखा था कि राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा का वोट शेयर आम चुनावों के दौरान मिले वोट शेयर से कम था। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने लोकसभा चुनावों में BJP को वोट दिया, उन्होंने राज्य सरकार चुनते समय BJP को वोट नहीं दिया। यह उस साल के सभी चार राज्य चुनावों और 2014 में भी देखा जा सकता है।
JPC में कौन-कौन सांसद हैं सदस्य?
एक देश एक चुनाव की जेपीसी में लोकसभा के 27 सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें पीपी चौधरी के साथ सीएम रेशम, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम भाई रुपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बालुनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा, संजय जयसवाल, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, छोटेलाल, कल्याण बनर्जी, टी एम सेल्वागणपति, जीएम हरीश, अनिल यशवंत देसाई, सुप्रिया सुले, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शंभावी, के राधाकृषणन, चंदन चौहान, बालशौरि वल्लभनेनी शामिल हैं।
इसके अलावा राज्य सभा के 12 सांसदों की बात करें तो इसमें घनश्याम तिवारी, भुवनेश्वर कलिता, डॉ के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, संजय कुमार झा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल बालकृष्ण वासनिक, सांकेत गोखले, पी विल्सन, मानस रंजन, वी विजयसाई रेड्डी शामिल हैं। एक देश एक चुनाव से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।