आंध्र प्रदेश कैडर के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष महानिदेशक बनाया गया है। उन्हें बहदुरी के लिए तीन बार मिला है गैलेंट्री अवार्ड से नवाजा जा चुका है। सरकार ने घोषणा की कि वह 30 सितंबर को मौजूदा DGP रश्मि रंजन स्वैन के रिटायरमेंट के बाद केंद्र शासित प्रदेश के नए डीजीपी का पदभार संभालेंगे। इससे पहले नलिन प्रभात राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के महानिदेशक थे। जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव से पहले उन्हें डीजीपी बनाया जाना एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।

नलिन प्रभात: तीन बार गैलेंट्री अवार्ड से नवाजे गए

नलिन प्रभात को तीन बार पुलिस वीरता पदक दिया जा चुका है। वह आंध्र प्रदेश के विशेष नक्सल रोधी पुलिस बल ‘ग्रेहाउंड्स’ का भी नेतृत्व कर चुके हैं। उनके पास केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने का अनुभव है, जहां उन्होंने कई बड़ी भूमिकाएं निभाई हैं।

नलिन प्रभात के जम्मू कश्मीर आने से क्या बदलेगा?

नलिन प्रभात को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नियुक्त किया गया है। एक ऐसे वक़्त में जब इस क्षेत्र में आतंकी घटनाएं लगातार हो रही हैं। खास बात यह है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक करने वाले प्रभात ने अपना ज़्यादा करियर संघर्ष से जुड़े क्षेत्रों में बिताया है। जिसमें से वह ज़्यादातर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेवारत रहे हैं, इसके अलावा उन्होंने कश्मीर और लद्दाख में भी लंबे समय तक काम किया है।

अपने करियर की शुरुआत में नलिन प्रभात ने आंध्र प्रदेश के बेहतरीन नक्सल विरोधी कमांडो बल ग्रेहाउंड्स में एएसपी के तौर पर काम किया था। इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि उन्होंने ही करीमनगर में कोयूर मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम का नेतृत्व किया था, जिसके कारण तत्कालीन सीपीआई (एमएल) पीपुल्स वार ग्रुप की केंद्रीय समिति के तीन टॉप सदस्य मारे गए थे। इसी मुठभेड़ के बाद दिसंबर 2000 में इसने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का गठन किया था।

एक जांबाज और तेज तर्रार अधिकारी

नलिन प्रभात के साथ काम करने वाले लोग उन्हें एक तेज तर्रार अधिकारी कहते हैं, जो कार्यालय में रहने से ज़्यादा मैदान में काम करना पसंद करते हैं। उन्हें आतंकवाद विरोधी और गुरिल्ला युद्ध की गहरी समझ रखने वाला भी माना जाता है।