Fugitive Monika Kapoor Arrested: करीब 25 साल से फरार चल रही आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को आखिरकार सीबीआई ने अमेरिका से गिरफ्तार कर लिया है। इंटरपोल की रेड कार्नर नोटिस के बाद उसे पुलिस ने न्यूयॉर्क में पकड़ा। अब सीबीआई की टीम उसे लेकर बुधवार की रात भारत लौट रही है। इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मोनिका कपूर ‘मोनिका ओवरसीज’ नामक फर्म की संचालक थी। उसने 1998 में अपने दो भाइयों – राजन खन्ना और राजीव खन्ना- के साथ मिलकर जेवरों के निर्यात और शुल्क-मुक्त सोने के आयात के नाम पर करीब 1.44 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। तीनों ने फर्जी निर्यात दस्तावेज और इनवॉइस तैयार किए और छह रिप्लेनिशमेंट लाइसेंस लिए। फिर इन्हें दीप एक्सपोर्ट्स अहमदाबाद को बेच दिया। इससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ।
कब और कैसे हुई कार्रवाई?
इस मामले में 2004 में चार्जशीट दाखिल हुई थी। 2017 में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने राजन और राजीव को दोषी करार दिया, लेकिन मोनिका पहले ही 1999 में अमेरिका भाग गई थी और जांच में शामिल नहीं हुई। 2006 में उसे अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया। 2010 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ और उसी साल भारत ने अमेरिका से उसका प्रत्यर्पण मांगा।
2012 में न्यूयॉर्क की एक अदालत ने भारत और अमेरिका की प्रत्यर्पण संधि के तहत उसकी गिरफ्तारी की अनुमति दी। अमेरिकी अदालतों के दस्तावेजों के अनुसार, मोनिका ने अमेरिकी विदेश मंत्री से अपील की थी कि अगर उसे भारत भेजा गया तो वहां उसे प्रताड़ित किया जाएगा। मोनिका ने इस आधार पर लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन अमेरिकी अदालतों ने उसकी दलीलें खारिज कर दीं। मार्च 2025 में ‘यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर सेकंड सर्किट’ ने अंतिम रूप से प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
यह गिरफ्तारी सीबीआई की बड़ी अंतरराष्ट्रीय सफलता मानी जा रही है। इससे पहले अमेरिका में नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी की गिरफ्तारी के बाद यह दूसरी बड़ी कामयाबी है। सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि अपराधी चाहे जहां भी भागे, सीबीआई उन्हें कानून के कटघरे तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अब मोनिका कपूर पर भारत में मुकदमा चलेगा।
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