Who is M A Baby: देश की सबसे बड़ी वामपंथी पार्टी सीपीआईएम के नेतृत्व में बड़ा बदलाव हुआ है। वरिष्ठ सीपीआईएम नेता मरियम अलेक्जेंडर बेबी को पार्टी का महासचिव चुना गया। इस तरह वह पार्टी की केरल यूनिट से इस पद पर काबिज होने वाले दूसरे नेता बन गए हैं। इससे पहले यह पद दिग्गज ईएमएस नंबूदरीपाद को मिला था। पार्टी ने 75 साल की उम्र वाली सीमा लागू करने के बाद पूर्व महासचिव प्रकाश करात, वृंदा करात, सूर्यकांत मिश्रा, सुभाषिनी अली, माणिक सरकार और जी रामकृष्णन जैसे दिग्गज नेताओं को हटा दिया।

पोलित ब्यूरो में आठ नए सदस्य

पोलित ब्यूरो के आठ नए सदस्य हैं। इसमें त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता जीतेंद्र चौधरी, तमिलनाडु के पूर्व सीपीएम सचिव के बालाकृष्णन, तमिलनाडु के ट्रेड यूनियन नेता यू वासुकी, राजस्थान के सीकर से लोकसभा सांसद अमरा राम, पश्चिम बंगाल के नेता श्रीदीप भट्टाचार्य, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव विजू कृष्णन, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की महासचिव मरियम धावले और पूर्व छात्र नेता आर अरुण कुमार। कृष्णन और कुमार की उम्र 50 के आसपास है। ये सभी पिछली केंद्रीय समिति के सदस्य थे।

कौन हैं मरियम अलेक्जेंडर बेबी?

अब हम एमए बेबी की बात करें तो उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत केरल छात्र संघ से की थी। वे एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और सीपीआई एम की यूथ विंग डीवाईएफआई के भी अध्यक्ष बने। वे उन छात्र नेताओं में से एक थे, जिन्हें आपातकाल के दौरान छात्रों और युवाओं को संगठित करने के लिए जाना जाता था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

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32 साल की उम्र में बेबी ने 1986 में सबसे युवा सांसदों में से एक के रूप में राज्यसभा में एंट्री की और 1998 तक राज्यसभा में रहे। बेबी को पार्टी के भावी नेताओं में से एक माना जाता था और उन्हें 1999 में सीपीआई एम केंद्रीय समिति में शामिल किया गया था। हालांकि, केरल सीपीआई एम में मंथन और बदलते समीकरणों ने पार्टी में उनके विकास को कम कर दिया।

बेबी को पिनाराई विजयन , कोडियेरी बालाकृष्णन जैसे अन्य नेताओं से पीछे धकेल दिया गया। बेबी ने 2006 में कुंदरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की और वीएस अच्युतानंदन मंत्रिमंडल में 2006 से 2011 के बीच राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया। मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल उथल-पुथल भरा रहा। बेबी पर स्कूली किताबों में नास्तिकता को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया।

बेबी 2011 में कुंदरा से फिर से चुने गए और एक साल बाद कोझिकोड में पार्टी कांग्रेस के दौरान उन्हें सीपीआईए के पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया। हालांकि, वे 2014 के लोकसभा चुनाव में कोल्लम सीट से कांग्रेस समर्थित आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन से हार गए। संगीत, सिनेमा और साहित्य में गहरी रुचि रखने वाले बेबी को केरल में पार्टी का सांस्कृतिक चेहरा माना जाता है। वायनाड पहुंचीं प्रियंका गांधी को CPIM ने क्यों दिखाए काले झंडे