कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी सीट को लेकर अपना सस्पेंस खत्म कर दिया है। राहुल गांधी को इस बार अमेठी के बजाए रायबरेली सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वहीं अमेठी से कांग्रेस ने केएल शर्मा को टिकट दिया है। अमेठी पर पिछले काफी दिनों के राहुल गांधी और प्रियंका के चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा चल रही थी लेकिन नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने सस्पेंस खत्म कर दिया है। दोनों ही सीटें गांधी परिवार की परंपराग सीट रही हैं। रायबरेली से सोनिया गांधी लगातार चार बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। वहीं अमेठी से राहुल गांधी 2004 में पहली बार सांसद बने थे। हालांकि 2019 में उन्हें बीजेपी की स्मृति इरानी ने शिकस्त दी। अब कांग्रेस ने अपने भरोसेमंद केएल शर्मा को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।
कौन हैं केएल शर्मा?
केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है। वह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना के रहने वाले हैं। केएल शर्मा ने रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में लंबे समय तक काम किया है। रायबरेली में वही पूरा काम संभाल रहे थे। किशोरी लाल शर्मा ने 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखा था। राजीव गांधी के निधन के बाद वह गांधी परिवार के और करीब आ गए थे। वह अमेठी और रायबरेली में लगातार जाते रहते थे। शीला कौल और सतीश शर्मा के काम को भी इन्होंने लंबे समय तक देखा। केएल शर्मा बिहार के प्रभारी और पंजाब कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी लगे हैं। उन्हें चुनाव प्रबंधन का भी काफी अनुभव है। पार्टी ने उन्हें कई चुनाव में प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।
प्रियंका गांधी के नाम को लेकर भी थी चर्चा
अमेठी के प्रियंका गांधी के नाम को लेकर भी चर्चा चल रही थीं। पार्टी की ओर से प्रियंका को अमेठी से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया गया था हालांकि प्रियंका इसके लिए तैयार नहीं हुईं। पिछले दिनों रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी उस समय चर्चा में आया था जब अमेठी में कांग्रेस दफ्तर के बाहर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए थे। रॉबर्ट वाड्रा ने खुद भी राजनीति में आने के संकेत दिए थे। हालांकि अब इन सभी अटकलों पर विराम लग चुका है।
स्मृति इरानी से होगा मुकाबला
अमेठी में केएल शर्मा का सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से होगा। 2004 से लेकर अगले 15 साल तक अमेठी लोकसभा सीट पर चुनाव जीतकर राहुल गांधी यहां से सांसद रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 55 हजार रहा था। स्मृति इरानी तीसरी बार अमेठी से चुनाव लड़ रही हैं।