दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अल फलाह विश्वविद्यालय के चेयरमैन और संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को समन भेजा है। उन्हें 10 नवंबर को लाल किले के बाहर हुए विस्फोट के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा चिह्नित कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

क्राइम ब्रांच ने भेजा समन

सूत्रों ने बताया कि जावेद सिद्दीकी को अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की मान्यता और फाइनेंसिंग से संबंधित दस्तावेजों के साथ क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। इसके तहत 9 संगठन संचालित होते थे,- जिनमें अल फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन भी शामिल है, जहां विस्फोट के आरोपी उमर नबी और मुज़म्मिल गनई कार्यरत थे।

एक अधिकारी ने कहा, “उन्हें (सिद्दीकी को) अपनी फर्म, ट्रस्ट और यूजीसी के तहत विश्वविद्यालय की मान्यता से संबंधित सभी रिकॉर्ड जमा करने के लिए कहा गया है। यह नोटिस यूजीसी अधिनियम की धारा 12(बी) के तहत जारी किया गया है।” अधिनियम की धारा 12 आयोग की शक्तियों और कार्यों से संबंधित है। एनएएसी द्वारा विश्वविद्यालय को नोटिस जारी करने के बाद क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें कहा गया है कि उसकी मान्यता समाप्त हो गई है और पूछा गया है कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।

आतंकी मॉड्यूल में शामिल डॉ. आदिल के पड़ोसी ने आग लगाकर की आत्महत्या, पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था थाने

NAAC, UGC के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है जो कॉलेजों और विश्वविद्यालयों जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) का मूल्यांकन और मान्यता प्रदान करता है ताकि उनकी ‘गुणवत्ता की स्थिति’ का आकलन किया जा सके। भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) ने अल फलाह विश्वविद्यालय की ‘अच्छी प्रतिष्ठा’ की कमी पर चिंता जताते हुए उसकी सदस्यता निलंबित कर दी है और विश्वविद्यालय को अपने सभी प्लेटफार्मों से AIU का नाम और लोगो तुरंत हटाने का निर्देश दिया है।

क्राइम ब्रांच के अंतर-राज्यीय प्रकोष्ठ (ISC) को अल फलाह परिसर में कथित अनियमितताओं और धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच का काम सौंपा गया है। जांच में पाया गया है कि उमर और मुज़म्मिल ने परिसर में एक आतंकवादी हमले की योजना बनाई थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा फरीदाबाद में छापेमारी और 2,900 किलोग्राम विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री बरामद करने के एक दिन बाद, उमर अपनी विस्फोटकों से लदी हुंडई i20 कार लेकर नूंह भाग गया। वह 10 नवंबर को दिल्ली लौटा, जिस दिन लाल किले पर कार में विस्फोट हुआ था और 10 लोग मारे गए थे।

कौन हैं जावेद अहमद सिद्दीकी?

अल फलाह के संस्थापक जावेद सिद्दीकी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं और उन्होंने इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है। वह 1992 में अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी के निदेशक बने और बाद में अल फलाह ट्रस्ट की स्थापना की। इसके बाद इस व्यवसाय का विस्तार शिक्षा, सॉफ्टवेयर, वित्तीय सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्र में हुआ। हालांकि इनमें से अधिकांश कंपनियां बंद हो गईं।

अल फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन (विस्फोट की आपराधिक जांच का केंद्र है) फरीदाबाद के धौज गांव में 70 एकड़ में फैले विश्वविद्यालय परिसर में संचालित होता है। दिल्ली के ओखला स्थित इसके मुख्यालय का शनिवार को क्राइम ब्रांच की एक टीम ने दौरा किया। जावेद सिद्दीकी पर वर्ष 2000 में दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में कथित निवेश धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें 2001 में गिरफ्तार किया गया था और 2004 में इस शर्त पर ज़मानत दी गई थी कि वह निवेशकों को पैसे वापस कर देंगे। अधिकारियों ने कहा कि क्राइम ब्रांच जावेद सिद्दीकी के खिलाफ पिछले आरोपों की भी समीक्षा करेगी।