लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद एनडीए संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है, उनके साथ  71 मंत्रियों ने भी शपथ ली है जिसमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। ऐसे दो नेताओं ने भी शपथ ली है जो सांसद नहीं है। इनमें से एक बीजेपी के महासचिव और केरल के नेता जॉर्ज कुरियन का नाम भी शामिल है। उन्हें बीजेपी के संगठन में एक मजबूत नाम के तौर पर देखा जाता है और पार्टी के लिए केरल जैसे राज्य में कुरियन ने काफी काम किया है।

जॉर्ज कुरियन के बारे में

1980 के दशक में जब समाजवादियों का एक ग्रुप जनता दल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहा था तो उन लोगों में एक 19 साल का नौजवान भी शामिल था। यह नौजवान कोट्टायम के एक छोटे से गांव कनककारी के जॉर्ज कुरियन ही थे। एक ईसाई परिवार से आने वाले कुरियन ने जब यह फैसला लिया तो काफी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था।

जॉर्ज कुरियन चार दशकों से बीजेपी के संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। वह पार्टी में कई पदों पर रहे हैं। जिसमें राष्ट्रीय कार्यकारी समिति में सदस्यता, युवामोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में काम करना और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष होना शामिल है। मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में शामिल होने के समय कुरियन कोर कमेटी के सदस्य और भाजपा की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने राज्य में अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के लिए ट्रांसलेटर के तौर पर भी काम किया है।