Devendra Fadnavis Maharashtra CM 2024: यह लगभग तय था कि बीजेपी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद पर देवेंद्र फडणवीस के नाम का ही ऐलान करेगी और ऐसा ही हुआ। महाराष्ट्र में बीजेपी को मिली बड़ी जीत के पीछे तमाम बड़े कारणों के साथ ही देवेंद्र फडणवीस के राजनीतिक कौशल को भी बहुत हद तक क्रेडिट दिया जा रहा है। 5 दिसंबर को आजाद मैदान में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस शपथ लेंगे। वह 2014 से 2019 तक बीजेपी- अविभाजित शिवसेना की सरकार में भी मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके हैं।
बताना होगा कि महायुति में शामिल तीनों दलों ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन को चारों खाने चित कर दिया। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में महायुति गठबंधन को 230 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी ने अकेले दम पर ही 132 सीटें जीत ली हैं जबकि उसके सहयोगी दलों – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं। जबकि MVA को भारी झटका लगा। MVA में शामिल शिवसेना (यूबीटी) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार गुट) को केवल 10 सीटें मिलीं।

फडणवीस ने साफ कर दिए थे इरादे
चुनाव नतीजों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नाराजगी को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं सामने आ रही थी लेकिन बीजेपी की ओर से इस तरह के स्पष्ट संकेत थे कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। चुनाव नतीजों के बाद देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा था कि बाज की असली उड़ान बाकी है। उन्होंने खुद को आधुनिक अभिमन्यु बताते हुए कहा था कि वह चक्रव्यूह को भेदना जानते हैं। फडणवीस के बयानों से यह साफ था कि वह मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जरूर पेश करेंगे।
आइए, अब देवेंद्र फडणवीस के बारे में कुछ बड़ी बातें जानते हैं।
फडणवीस का जन्म 22 जुलाई, 1970 को नागपुर में हुआ था। फडणवीस न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बल्कि बीजेपी की मातृ संस्था कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं के भी चहेते माने जाते हैं। फडणवीस नागपुर साउथ-वेस्ट सीट से लगातार 6 बार जीत हासिल कर चुके हैं। इससे पता चलता है कि वह अपने इलाके में बेहद लोकप्रिय हैं।

संघ के प्रचारक थे फडणवीस के पिता
फडणवीस के बारे में कहा जाता है जब इंदिरा गांधी की सरकार ने 1975 में इमरजेंसी लगा दी थी तो उन्होंने इंदिरा कान्वेंट स्कूल में आगे की पढ़ाई करने से इनकार कर दिया और अपना नाम वहां से कटवा लिया क्योंकि उनके पिता को इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल के विरोध के दौरान जेल में डाल दिया था। इसके बाद उन्होंने सरस्वती विद्यालय में दाखिला लिया और आगे की पढ़ाई की। देवेंद्र फडणवीस के पिता गंगाधर राव आरएसएस के प्रचारक और जनसंघ के नेता थे।
फडणवीस स्कूल के दिनों से ही राजनीति में जाना चाहते थे। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही बीजेपी संगठन में वार्ड संयोजक के रूप में फडणवीस ने काम किया। 22 साल की उम्र में ही वह नागपुर में पार्षद बन गए थे। फडणवीस 1997 में सिर्फ 27 साल की उम्र में नागपुर के सबसे युवा मेयर बन गए थे।
1999 में पहली बार बने विधायक
फडणवीस 1999 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए। अपनी राजनीतिक समझ और कामकाज के तरीके के बलबूते फडणवीस बहुत कम समय में राज्य में बीजेपी के बड़े चेहरे बन गए। फडणवीस की क्षमताओं को देखते हुए ही बीजेपी ने उन्हें 2013 में प्रदेश का अध्यक्ष बनाया।
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2014 में बीजेपी को महाराष्ट्र में बड़ी जीत मिली थी तब पार्टी ने 122 सीटें जीती थी। इस शानदार प्रदर्शन के बाद मोदी और शाह ने फडणवीस का कद बढ़ाया और उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया। देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता रानाडे फडणवीस अभिनेत्री होने के साथ-साथ गायिका भी हैं। उनकी एक बेटी है जिसका नाम दिविजा फडणवीस है।
फडणवीस ने विपक्ष में रहते हुए सिंचाई घोटाले को उजागर किया। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे को लेकर काफी काम हुआ। उनकी सरकार में शुरू की गई जल युक्त शिवार जैसी पहल ने राज्य में जल प्रबंधन के क्षेत्र में बहुत काम किया। मुंबई-नागपुर समृद्धि महामार्ग जैसी बड़ी परियोजना के साथ ही पुलिस सुधारों की शुरुआत करने के लिए भी फडणवीस को जाना जाता है।
फडणवीस 44 साल की उम्र में ही पहली बार महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे। वह शरद पवार के बाद इस राज्य के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री थे।
हिंदू मतदाताओं को किया एकजुट
फडणवीस ने अपने पहले कार्यकाल में महाराष्ट्र की कठिन राजनीति की चुनौतियों को बेहद संयम के साथ हल किया और इस बार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बीजेपी संगठन और आरएसएस के नेताओं के साथ मिलकर काम किया। फडणवीस ने पूरे महाराष्ट्र में हिंदू मतदाताओं को एकजुट किया। उन्होंने मतदाताओं से वोट जिहाद के बदले वोट धर्म युद्ध करने का आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ को भी महाराष्ट्र में लोगों के बीच पहुंचाया।
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