बीजेपी ने बिहार और राजस्थान में बड़ा फेरबदल किया है। दोनों ही राज्यों में बीजेपी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए हैं। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसे बड़ा कदम माना जा रहा है। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में सम्राट चौधरी के डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद से ही बिहार बीजेपी में नए अध्यक्ष की चर्चा जोरों पर थी। दिलीप जायसवाल को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी भी माना जाता है।
कौन हैं दिलीप जायसवाल?
61 साल के दिलीप जायसवास वैश्य समाज से आते हैं। खगड़िया जिले के रहने वाले दिलीप जायसवाल नीतीश कुमार की सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री हैं। वह किशनगंज स्थित माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के एमडी भी हैं। वह तीन बार एमएलसी रहे हैं। उन्होंने 2022 में पूर्णिया, किशनगंज, अररिया जिलों को मिलाकर बनी विधान परिषद की सीट पर जीतकर चौंका दिया। इस चुनाव में वह सबसे अधिक वोट से चुनाव जीते थे। इतना ही नहीं वह 20 साल तक बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। भाजपा ने उन्हें सिक्किम भाजपा का प्रभारी बनाया था।
BJP ने क्यों जताया भरोसा?
दिलीप जायसवाल को बीजेपी अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे खास वजह है। बिहार में हाल ही में हुए जाति आधारित सर्वेक्षण के अनुसार यह सबसे बड़ी जाति है, जिसकी आबादी 36 प्रतिशत से अधिक है। बीजेपी ने अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने के साथ पार्टी ने अपने कोर वोटर का ख्याल रखा है। दूसरा उन्हें गृहमंत्री अमित शाह का भी करीबी माना जाता है। कुशवाहा समाज से आने वाले सम्राट के ठीक पहले संजय जायसवाल भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं।
जनवरी 2024 में जब नीतीश कुमार एनडीए में वापस आए और बीजेपी सत्ता में आई तभी से यह लगभग तय था कि सम्राट चौधरी को जल्द ही हटा दिया जाएगा। सम्राट चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद यह साफ हो गया कि प्रदेश की कमान अब किसी और को सौंपी जा सकती है।