Lok Sabha Elections: कांग्रेस पार्टी ने अपनी दिल्ली यूनिट DPCC की कमान एक बार फिर से सरदार अरविंदर सिंह लवली के हाथ में सौंप दी है। अरविंदर सिंह लवली दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके हैं। गुरुवार सुबह कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने एक बयान के जरिए यह ऐलान किया। INDIA गठबंधन की मुंबई मीटिंग से पहले DPCC अध्यक्ष पद अरविंदर सिंह लवली को सौंपा जाना अहम बदलाव के संकेत दे रहा है।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने यह बदलाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली में लोकसभा चुनाव 2024 में गठबंधन की संभावनाएं तलाशने के लिए किया है।
दिल्ली की सियासत में सिख चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले अरविंदर सिंह लवली शीला दीक्षित की सरकार के दौरान ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन, रेवेन्यू और अर्बन डेवलपमेंट जैसे मंत्रालय संभाल चुके हैं। वह शीला दीक्षित के तीनों कार्यकाल के दौरान मंत्री बनाए गए। अरविंदर सिंह लवली इससे पहले भी DPCC अध्यक्ष रह चुके हैं। 2015 में जब उन्हें अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए कहा गया तो वह कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि 9 महीने वाद वह फिर कांग्रेस में वापस आ गए।
2013: केजरीवाल को समर्थन दिलवाने में अहम भूमिका!
अरविंदर सिंह लवली फिलहाल विधायक नहीं हैं लेकिन पूर्वी दिल्ली की गांधीनगर विधानसभा सीट कभी उनका गढ़ मानी जाती थी। यहां आज भी उनका बड़ा प्रभाव है। दिल्ली में डीपीसीसी अध्यक्ष पद के लिए संदीप दीक्षित, देवेंद्र यादव के साथ उनके नाम की चर्चा थी। कांग्रेस पार्टी के इंटरनल सूत्रों का कहना है कि 2013 में कांग्रेस के 8 विधायकों के समर्थन से दिल्ली में केजरीवाल की पहली सरकार बनवाने के फैसले करने वालों में वो भी एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि अब 2024 चुनाव को लेकर AAP के साथ सीट शेयरिंग में और पार्टी कैडर को एकमत पर लाने में फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि लवली पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के संभावित लोकसभा प्रत्याशी भी हो सकते हैं। वे यहां से साल 2019 में चुनाव लड़े थे।
राजीव गांधी सरकार में मंत्री थे पिता
सरदार अरविंदर सिंह लवली दलित समुदाय से संबंध रखते हैं। उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह थे। बूटा सिंह राजीव गांधी की सरकार के दौरान 1984 से 1986 तक देश के कृषि मंत्री थे। वह साल 1962 से 2004 के बीच 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1986 से 1989 के बीच होम मिनिस्टर रहे थे।