महाराष्ट्र के अहिल्या नगर के रहने वाले देवव्रत महेश रेखे सुर्खियों में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ भी की है। महेश रेखे ने शुक्ल यजुर्वेद माध्यदिन शाखा का अखंड एकाकी ‘दण्डकर्म पारायणम्’ मात्र 50 दिनों में पूरा कर लिया। 200 वर्षों के बाद इस स्तर का पाठ पहली बार संपन्न हुआ है। महेश की उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जाहिर की है।

पीएम मोदी ने महेश की तारीफ की

पीएम मोदी ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे जी ने जो उपलब्धि हासिल की है, वो जानकर मन प्रफुल्लित हो गया है। उनकी ये सफलता हमारी आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा बनने वाली है। भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर एक व्यक्ति को ये जानकर अच्छा लगेगा कि श्री देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन शाखा के 2000 मंत्रों वाले ‘दण्डकर्म पारायणम्’ को 50 दिनों तक बिना किसी अवरोध के पूर्ण किया है। इसमें अनेक वैदिक ऋचाएं और पवित्रतम शब्द उल्लेखित हैं, जिन्हें उन्होंने पूर्ण शुद्धता के साथ उच्चारित किया। ये उपलब्धि हमारी गुरु परंपरा का सबसे उत्तम रूप है। काशी से सांसद के रूप में, मुझे इस बात का गर्व है कि उनकी यह अद्भुत साधना इसी पवित्र धरती पर संपन्न हुई। उनके परिवार, संतों, मुनियों, विद्वानों और देशभर की उन सभी संस्थाओं को मेरा प्रणाम, जिन्होंने इस तपस्या में उन्हें सहयोग दिया।”

कौन हैं देवव्रत महेश रेखे?

महेश सांगवाद विश्वविद्यालय वाराणसी के छात्र हैं। बता दें कि ‘दण्डकर्म पारायणम्’ की परीक्षा को बहुत कठिन माना जाता है। महेश उसके लिए रोजाना 4 घंटे का अभ्यास करते थे। सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक वह ‘दण्डकर्म पारायणम्’ का अभ्यास करते थे। दुनिया में अभी तक तीन ही बार दण्डकर्म पारायणम् हुआ है।

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200 साल पहले महाराष्ट्र के नासिक में वेदमूर्ति नारायण शास्त्री ने इसका पाठ किया था। इसके बाद से इतना चर्चा में यह नहीं रहा। लेकिन अब महेश रेखे ने इसे फिर से जीवंत कर दिया है। उन्होंने 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक वल्लभराम शालिग्राम सांगवेद विश्वविद्यालय में यह पाठ किया है। इसके लिए इन्हें एक सोने का कंगन और 1,01,116 रुपये की राशि इनाम में दी गई है।

‘दण्डकर्म पारायणम्’ परीक्षा को सबसे कठिन माना जाता है। इसमें सभी मंत्रों को कंठस्थ कर सुनना होता है। इसमें दो पदों का पाठ विशिष्ट शैली में उल्टा और सीधा एक साथ किया जाता है।