राशन कार्ड कई तरह के होते हैं। राज्य सरकार इनके लिए लोगों को वर्गीकृत करती है और श्रेणियों के अनुसार अलग-अलग राशन कार्ड जारी करती है। साल 2013 में लोगों को सस्ती कीमतों पर एक निश्चित मात्रा और गुणवत्ता वाला भोजन उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय खाद्य और सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) पारित किया गया था। एनएफएसए देश के सभी राज्यों के लिए दो प्रकार के राशन कार्ड प्रदान करता है, जिन्हें राज्य सरकारें जारी करती हैं। एनएफएसए के तहत दो प्रकार के राशन कार्ड हैं:
Antyodaya Anna Yojana (AAY): इस प्रकार का राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा चिन्हित गरीब परिवारों को दिया जाता है। यह कार्ड उन्हें जारी किया जाता है, जिनकी स्थिर आय नहीं होती है। बेरोजगार लोग, महिलाएं और वृद्ध लोग इस श्रेणी में आते हैं। यह कार्डधारक प्रति परिवार प्रति माह 35 किलो खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र हैं। उन्हें चावल के लिए तीन रुपए, गेहूं के लिए दो रुपए और मोटे अनाज के लिए एक रुपए की रियायती कीमत पर खाद्यान्न प्राप्त होता है।
Priority Household (PHH): एएवाई के अंतर्गत नहीं आने वाले परिवार पीएचएच के अंतर्गत आते हैं। राज्य सरकारें अपने विशिष्ट, समावेशी दिशानिर्देशों के अनुसार टारगेटेड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (टीपीडीएस) के तहत प्राथमिकता वाले घरेलू परिवारों की पहचान करती हैं। पीएचएच कार्डधारकों को हर व्यक्ति प्रति माह पांच किलो खाद्यान्न प्राप्त होता है। इन कार्डधारकों को अनाज चावल तीन रुपए, गेहूं दो रुपए और मोटा अनाज एक रुपए की रियायती कीमत पर मिलता है।
TPDS के तहत आने वाले राशन कार्डः एनएफएसए की शुरुआत से पहले राज्य सरकारों ने टीपीडीएस के तहत राशन कार्ड जारी किए थे। एनएफएसए पास करने के बाद राज्यों ने इसके तहत राशन कार्ड जारी करना शुरू किया (जो ऊपर बताया गया है)। जिन राज्य सरकारों ने अभी तक एनएफएसए प्रणाली को लागू नहीं किया है, वे अभी भी टीपीडीएस के तहत उनके द्वारा जारी किए गए पुराने राशन कार्डों का पालन करती हैं। ये इस प्रकार हैं-
1- Below Poverty Line (BPL): बीपीएल कार्डधारक राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले होते हैं। ऐसे परिवारों को आर्थिक लागत के 50% पर प्रति परिवार हर महीने 10 किलो से 20 किलो खाद्यान्न मिल जाता है। गेहूं, चावल, चीनी और अन्य चीजों की निर्दिष्ट मात्रा के लिए रियायती अंत खुदरा मूल्य अलग-अलग राज्यों में भिन्न होता है।
2- Above Poverty Line (APL): जिन परिवारों में यह कार्ड होता है, वे राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले माने जाते हैं। एपीएल परिवारों को आर्थिक लागत के 100% पर प्रति परिवार प्रति माह 10 किलो से 20 किलो खाद्यान्न मिलता है। हर राज्य सरकार चावल, गेहूं, चीनी और मिट्टी के तेल के लिए एक निश्चित मात्रा के लिए रियायती खुदरा दर तय करती है।
3- Annapoorna Yojana (AY): यह राशन कार्ड उन बुजुर्गों को दिए जाते हैं जो गरीब हैं और 65 वर्ष से अधिक हैं। इस कार्ड के तहत कार्डधारकों को हर महीने 10 किलो अनाज मिलता है। राज्य सरकारें ये कार्ड उन बुजुर्गों को जारी करती हैं जो उनके द्वारा निर्दिष्ट इस योजना के तहत आते हैं।