Black Cat Commando: राजधानी दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक होने वाली जी-20 की बैठक के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली में इस दौरान चप्पे-चप्पे में सुरक्षा बल तैनात रहेंगे। जी-20 बैठक के दौरान दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल और ऑफिस को बंद करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली में करीब 30 देशों के राट्राध्यक्ष जी-20 की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। जी-20 बैठक के दौरान दिल्ली के सभी 5 स्टार होटल में बुकिंग बंद कर दी गई है। वहीं देश में आने वाले वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ब्लैक कैट कमांडो को दी गई है। इसके अलावा HIT कमांडो को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
वीवीआईपी लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए ब्लैक कैट कमांडो की गिनती देश के सबसे खतरनाक कमांडो के रूप में की जाती है। प्रधानमंत्री से लेकर प्रमुख केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेवारी भी ब्लैक कैट कमांडो के पास ही होती है। मुंबई में हुए 26 नवंबर को हुए आतंकी हमले में भी ब्लैक कैट कमांडो ने ही आखिर में मोर्चा संभाल कर आतंकवादियों को मार गिराया था। चलिए जानते है कि ब्लैक कैट कमांडो का चयन कैसे किया जाता है और इनकी ट्रेनिंग कैसे होती है?
ब्लैक कैट कमांडो का कब किया गया गठन?
साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड यानी एनएसजी का गठन देश के विशिष्ट लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया था। गृह मंत्रालय के तहत सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आते हैं, उसमें से ही एक नेशनल सिक्योरिटी गार्ड होते हैं, जिन्हें हम ब्लैक कैट कमांडो के नाम से जानते हैं। इन कमांडो की सीधी भर्ती एनएसजी में नहीं होती है। एनएसजी में चुने जाने वाले कमांडो में 53 फीसदी जवान भारतीय सेना के होते हैं और बाकी के 45 फीसदी जवान सीआरपीएफ, आईटीबीपी, आरएएफ और बीएसएफ से चुने जाते हैं।
ब्लैक कैट कमांडो की कैसे होती है ट्रेनिंग?
एनएसजी द्वारा चयनित जवानों की हफ्ते भर कड़ी ट्रेनिंग होती है। इस ट्रेनिंग के दौरान करीब 80 फीसदी जवान या तो ट्रेनिंग में फेल हो जाते है या ट्रेनिंग छोड़कर चले जाते है। मात्र 20 फीसदी जवान ही ट्रेनिंग के आखिरी पड़ाव में पहुंच पाते है। चुने हुए जवानों को 90 दिनों तक कड़ी ट्रेनिंग प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। जवानों को हथियार के साथ लड़ाई करने के अलावा बिना हथियार के दुश्मनों को मार गिराने की ट्रेनिंग दी जाती है। जवानों का मानसिक टेस्ट भी लिया जाता है।
ब्लैक कैट कमांडो को कितनी मिलती है सैलरी?
एनएसजी कमांडो की सैलरी 84,000 से लेकर 2.5 लाख रुपय प्रति माह तक होती है। औसत वेतन की बात की जाए तो प्रति माह लगभग 1.5 लाख मिलती है। बता दें कि सेना में कम से कम 10 साल काम करने के बाद ही कमांडो की ट्रेनिंग में भाग लेने का प्रावधान है। एनएसजी में ऑपरेशन ड्यूटी पर आने वाले ऑफिसर्स को 27,800 रुपए सालाना और नॉन ऑपरेशनल ड्यूटी करने वाले जवानों को सालाना 21,225 रुपए का ड्रेस भत्ता दिया जाता है।