दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अपने इतिहास में करीब 30 वर्षों के बाद नजफगढ़ में वीर सावरकर कॉलेज की स्थापना के साथ अपने विस्तार की ओर कदम बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को इस कॉलेज की आधारशिला रखी। इसे डीयू के छात्रों के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि इससे विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत मिलेगी। यह कॉलेज प्रधानमंत्री की उन तीन प्रमुख परियोजनाओं का हिस्सा है, जो डीयू को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए बनाई गई हैं। इनमें सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर, द्वारका में पश्चिमी परिसर और वीर सावरकर कॉलेज शामिल हैं। इन परियोजनाओं का कुल निवेश 600 करोड़ रुपए से अधिक है।

वीर सावरकर कॉलेज में क्या होगा?

वीर सावरकर कॉलेज दिल्ली के नजफगढ़ में बनाया जा रहा है। यह स्थान यूईआर हाइवे के पास है और द्वारका के पश्चिमी परिसर से महज पांच मिनट की दूरी पर स्थित है। 18,816.56 वर्ग मीटर में फैले इस कॉलेज में आधुनिक सुविधाएं होंगी। इनमें 24 क्लासरूम, 8 ट्यूटोरियल रूम, 40 फैकल्टी रूम, एक कैंटीन, लाइब्रेरी और एक कॉन्फ्रेंस रूम शामिल हैं।

कॉलेज का बजट

इस कॉलेज के निर्माण पर लगभग 140 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह निवेश न केवल बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा बल्कि छात्रों को आधुनिक और समृद्ध शिक्षा के लिए भी प्रेरित करेगा।

क्यों हो रहा है विरोध?

वीर सावरकर कॉलेज का नाम वीर सावरकर के नाम पर रखने को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। एनएसयूआई (कांग्रेस का छात्र संगठन) ने इस फैसले का विरोध करते हुए मांग की है कि कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाए। हालांकि, इस विवाद के बावजूद, छात्रों के लिए यह नया कॉलेज और अन्य परियोजनाएं डीयू के शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी।

क्यों अहम है यह कदम?

डीयू का यह विस्तार न केवल छात्रों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। आधुनिक सुविधाओं और नई पाठ्यक्रम योजनाओं के साथ, यह कदम भारत के शैक्षणिक क्षेत्र में एक नई दिशा तय करेगा। वीर सावरकर कॉलेज और डीयू की अन्य परियोजनाएं एक बड़े और सकारात्मक बदलाव का संकेत हैं। राजनीतिक विवादों के बीच भी, यह कदम छात्रों और शिक्षा जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

अन्य परियोजनाएं: डीयू का विस्तार

दिल्ली विश्वविद्यालय अब तक दो कैंपस – नॉर्थ और साउथ – में सीमित था। नई परियोजनाओं के तहत डीयू में दो और कैंपस, पूर्वी और पश्चिमी, जुड़ने जा रहे हैं।

पूर्वी परिसर (373 करोड़ रुपए):

  • यह सूरजमल विहार में बनेगा और 15.25 एकड़ में फैला होगा।
  • यहां एलएलबी, एलएलएम और पांच वर्षीय इंटेग्रेटेड एलएलबी प्रोग्राम जैसे कोर्स उपलब्ध होंगे।
  • सुविधाएं: 60 क्लासरूम, 10 ट्यूटोरियल रूम, छह मूट कोर्ट, दो कैफेटेरिया और दो कॉमन रूम।

पश्चिमी परिसर (107 करोड़ रुपए):

  • यह द्वारका सेक्टर 22 में बनेगा और 19,434.28 वर्ग मीटर में फैला होगा।
  • यहां 42 क्लासरूम, डिजिटल लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस रूम, सेमिनार हॉल और कैफेटेरिया जैसी सुविधाएं होंगी।