हिंदुत्ववादी नेता विनायक दामोदर सावरकर की आज (28 मई) जयंती है। साल 1883 में आज ही के दिन महाराष्ट्र में उनका जन्म हुआ था। भारत के इतिहास में वह एक ऐसा चेहरा रहे हैं, जो किसी के लिए हीरो हैं तो कुछ उन्हें विलन मानते आए हैं। हालांकि, इस सबके बावजूद उनके किरदार को दरकिनार और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आइए, जानते हैं उनके जुड़ी कुछ रोचक बातें, जो शायद ही आपको मालूम हों:
- साल 1906 की बात है। लंदन में इंडिया हाउस में सावरकर (वह उन दिनों स्टूडेंट थे) ने गुजराती वैश्य मोहनदास करमचंद गांधी (वह तब महात्मा नहीं हुए थे) को खाने पर बुलाया था। गांधी जब पहुंचे थे, तब सावरकर शाम का खाना बना रहे थे और इस दौरान वह झींगे तल रहे थे। प्रॉन डिश तैयार होने पर उन्होंने गांधी से खाने के लिए पूछा तो उन्होंने शुद्ध शाकाहारी होने की बात कह इन्कार कर दिया। इस पर सावरकर ने दो टूक जवाब दिया था- आप अंग्रेजी साम्राज्यवाद से कैसे लड़ेंगे, वह बगैर किसी पशु के प्रोटीन के?
- काला पानी की जेल की कोठरी नंबर-52 में सावरकर का काफी समय कटा। आशुतोष देशमुख ने उनकी जीवनी में जेल जीवन के बारे में बताया है कि अंडमान सरकारी अफसर बग्घियों में चलते थे, जबकि कैदी इन्हीं बग्घियों को खींचते थे। सही से बग्घी न खींच पाने पर कैदियों को गालियां भी सुननी पड़ती थीं। यही नहीं, कैदियों की पिटाई भी की जाती थी और उन्हें एक अजीब किस्म का सूप भी दिया जाता था।
- देशमुख के हवाले से “बीबीसी” की एक रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कैदियों को तब जेल की कोठरी में ही मल त्यागना होता था। वहां दीवारों से मल और पेशाब की बदबू आया करती थी। कभी-कबार तो बेड़ियों में खड़े होकर उन लोगों को शौचायल का इस्तेमाल करना होता था।
- पांच फुट दो इंच लंबाई वाले सावरकर को मसालेदार खाने के साथ अल्फांसो आम, आईसक्रीम, चॉकलेट्स और व्हिस्की पसंद थी। देशमुख के मुताबिक, वह जिन्टान (Jintan) ब्राण्ड की व्हिस्की पसंद करते थे। चूंकि, सांस की बीमारी से ग्रसित थे, इसलिए वह तब तंबाकू सूंघने लगे थे। कोठरी में वह इसकी जगह दीवारों पर लगा चूना खुरच कर सूंघा करते थे।
