कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत को दुनिया के तमाम देश सहायता दे रहे हैं, लेकिन केन्या से खाद्य सामग्री पहुंची तो लोगों ने मोदी सरकार को ताना मारना शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि विश्व गुरु बनने की ख्वाब बुन रहे नेताओं के लिए ये मदद किस तरह की तस्वीर दिखा रही है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।
केन्या ने कोविड-19 राहत प्रयासों के तौर पर भारत को 12 टन खाद्य उत्पाद दान दिए हैं। पूर्वी अफ्रीकी देश ने इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी को 12 टन चाय, कॉफी और मूंगफली दिए। इन सभी चीजों का उत्पादन वहां के लोगों ने किया था। सरकार का कहना है कि इन खाद्य सामग्रियों के पैकेट महाराष्ट्र में बांटे जाएंगे। भारत में केन्या के उच्चायुक्त विली बेट ने कहा कि केन्या सरकार खाद्य पदार्थ दान देकर कोविड-19 महामारी के दौर में भारत की सरकार और उसके लोगों के साथ एकजुटता दिखाना चाहती है। ब्रेट ने कहा कि यह दान अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले लोगों को दिए जाने के लिए है, जो लोगों की जान बचाने के लिए घंटों काम कर रहे हैं।
Kenya has sent 12 tonnes of tea, coffee and groundnut produced locally, to the Indian Red Cross Society, as part of Covid 19 aid for India.
While India Is Building Central Vista.For those who think….
'What can we do if they send help'…
We could have refused to take like— sooraj samant (@samant_sooraj) May 31, 2021
we did that in the past.
But how can we ?
When we are accepting help from the countries like Nepal, Mauritius, Uzbekistan n Rwanda……First time in 70 years.
— sooraj samant (@samant_sooraj) May 31, 2021
Rahul Gandhi went to Italy and send this help in the name of kenya so that they can tarnish the image of our PM by the propaganda.
— AhmdMbr (@oyembr) May 30, 2021
When Nepal can offer help, Kenya can, at least, send it. #ModiHaiToMumkinHai
— Rooh-Bika (@RoohBika) May 29, 2021
उधर, सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। सूरज सामंत के हैंडल से लिखा गया- केन्या की तरफ से इतनी मदद भेजी गई वहीं हमारी सरकार सेंट्रल विस्टा बनाने में व्यस्त है। उनका कहना है कि जो लोग ये सोचते हैं कि केन्या की मदद पर हम क्या कर सकते हैं तो उन्हें मेरा जवाब है कि हम इस तरह से मिल रही मदद को लेने से इन्कार कर सकते हैं। उनका कहना है कि 70 साल में ऐसा पहली बार देखा है।
एक अन्य यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी इटली गए थ। वहां से उन्होंने केन्या के नाम पर मदद भिजवा दी जिससे सरकार की छवि खराब की जा सके। एक अन्य यूजर ने लिखा- जब नेपाल मदद के लिए कह सकता है तो केन्या ने तो चीजें भिजवा दी हैं। एक यूजर ने लिखा सरकार को सोचना चाहिए कि वैश्विक स्तर पर इससे किस तरह की छवि बनेगी। अब केन्या नेपाल जैसे देशों की मदद पर निर्भर हो रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा हर चीज के लिए विपक्षी दलों पर तोहमत लगाने वाली बीजेपी अब क्या कहेगी। क्या उसे अब नहीं लगता कि इस तरह के देशों से ली गई मदद से देश की पीएम की छवि खराब होगी। उनका कहना है कि का कहना है कि विश्व गुरु बनने की ख्वाब बुन रहे नेताओं के लिए ये मदद किस तरह की तस्वीर दिखा रही है। सरकार को इस पर सोचना चाहिए।

