योग गुरु बाबा रामदेव की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर अकसर सवाल पूछा जाता रहा है, लेकिन उन्होंने इसे हमेशा ही खारिज किया है। यहां तक कि वह हरियाणा सरकार की ओर से दिए कैबिनेट मंत्री के दर्जे को भी ठुकरा चुके हैं। दरअसल 2015 में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने बाबा रामदेव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का ऐलान किया था, लेकिन पूरी वाकपटुता के साथ बाबा रामदेव ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के संस्थापक रामदेव ने कहा था, ‘बाबा हूं बाबा ही रहने दो, मुझे मंत्री पद नहीं चाहिए।’ यह कहकर बाबा रामदेव ने हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री के दर्जे को ठुकरा दिया था।
इसके बाद हरियाणा सरकार ने दिल्ली से 60 किलोमीटर दूर सोनीपत के राई में बाबा रामदेव के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित हरियाणा सरकार के कई मंत्री इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव उपस्थित जरूर हुए थे, लेकिन उन्होंने कैबिनेट मंत्री का दर्जा लेने के इनकार कर दिया था। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा था, ‘हरियाणा सरकार ने मुझे कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं। पर मैं एक बाबा और फकीर रहकर ही देश की सेवा करना चाहता हूं। जो आपने मुझे दिया उसके लिए मैं आपका आभारी हूं पर आदरपूर्वक मैं इसे वापस कर रहा हूं।’
यही नहीं 2014 में हरियाणा में सरकार बनने के बाद खट्टर सरकार ने बाबा रामदेव को हरियाणा का ब्रांड अंबेसडर बनाया था। बाबा रामदेव ने इसी कार्यक्रम में यह भी कहा था मैं कैबिनेट मंत्री का दर्जा तो नहीं ले सकता परंतु हरियाणा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में योग और आयुर्वेद को जरूर प्रमोट करूंगा। अपने ही अंदाज में बाबा रामदेव ने कहा था हरियाणा चुनाव से पहले लोग कहा करते थे बाबा के पास बहुत सांसद हैं। चुनाव के बाद लोग कह रहे हैं बाबा के पास बहुत सारे मंत्री हैं।
मंत्रियों, सांसदों या विधायकों के होने से ज्यादा महत्वपूर्ण है, बाबा के पास कितने मुख्यमंत्री हैं। एक बात यह भी है नरेंद्र मोदी भी बाबा के ही प्रधानमंत्री हैं। यानी वो देश के प्रधानमंत्री हैं तो हमारे पीएम हैं। बाबा रामदेव यहीं नहीं रूके, उन्होंने अंदाज में कहा प्रधानमंत्री भी हमारे हैं, हरियाणा के मुख्यमंत्री भी हमारा है, कैबिनेट भी हमारी है, जब इतना सब है तो मुझे सिर्फ बाबा ही रहने दीजिए। इस मौके पर बाबा रामदेव ने यह भी कहा उन्होंने निस्वार्थ भाव से देश को एहसास दिलाने की कोशिश की क्यों राष्ट्र धर्म के लिए मोदी को प्रधानमंत्री बनाना आवश्यक है। बाबा रामदेव ने कहा मानवता की सेवा मेरा एकमात्र ध्येय है। किसी मंत्री पद या दर्जे की मेरी कोई इच्छा नहीं है।
रामदेव बोले, फकीर रहना ही सबसे बड़ा पुरस्कार: इस दौरान बाबा रामदेव ने पुरस्कार के इच्छाओं से भी इनकार कर दिया। बाबा रामदेव ने कहा जब पद्म पुरस्कारों की बात चलती है तो मैं कहता हूं फ़कीर फ़कीर होता है और वह ऐसे सभी पुरस्कारों से बढ़कर है। हरियाणा सरकार द्वारा बाबा रामदेव को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया था। कांग्रेस नेताओं ने खट्टर सरकार पर बाबा को खुश करने के लिए कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का आरोप लगाया था।