Biporjoy Cyclone: चक्रवात बिपरजॉय को लेकर गुजरात और केंद्र सरकार ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। गुजरात के तटीय इलाकों में सेना और एनडीआरएफ की टीमें पूरी तरह से अलर्ट हैं। IMD के जनरल डॉयरेक्टर मृत्युंजय महापात्र ने गुरुवार को बताया कि वास्तविक लैंडफॉल प्रक्रिया शाम को शुरू होगी और देर रात तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि लैंडफॉल के बाद बिपरजॉय नॉर्थ ईस्ट दिशा में अपनी गति जारी रखेगा और फिर धीरे-धीरे कमजोर होते हुए इसकी गति 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान कच्छ में सबसे ज्यादा खराब मौसम होगा। यहां भारी से भारी बारिश हो सकती है। हवा 100 किमी प्रति घंटा से भी तेज हो सकती है। तेज हवा की वजह से थोड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चरल डैमेज हो सकता है।
IMD के जनरल डॉयरेक्टर मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कच्छ और आसपास के जिलों- पोरबंदर, द्वारका, जामनगर, राजकोट और मोरबी में लोगों से इस दौरान बाहर न निकलने की अपील है। इन जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। किसी को भी 16 तारीख सुबह तक समुद्र में नहीं जाना चाहिए।
जखाऊ बंदरगाह से टकराएगा बिपरजॉय
‘बिपरजॉय’ के गुरुवार शाम अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं के साथ एक ‘बहुत गंभीर’ चक्रवाती तूफान के रूप में जखाऊ बंदरगाह के पास टकराने का अनुमान है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुजरात के के तटीय क्षेत्रों और निचले इलाकों से गुरुवार सुबह नौ बजे तक लगभग एक लाख लोगों को निकाला गया।
क्या हैं तैयारियां?
- गुजरात में जहां NDRF की 18 टीमें तैनात की गई हैं, वहीं केंद्र-शासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के दीव में एक दल को भेजा गया है। दीव उत्तर में गुजरात के गिर सोमनाथ और अमरेली जिलों से, जबकि बाकी तीन दिशाओं में अरब सागर से घिरा हुआ है।
- गुजरात के कच्छ जिले में एनडीआरएफ की चार, राजकोट और देवभूमि द्वारका में तीन, जामनगर में दो तथा पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, मोरबी, वलसाड व गांधीनगर में एक-एक टीमें तैनात की गई हैं। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में NDRF की कुल 14 टीम तैनात की गई हैं, जिसमें से पांच मुंबई में हैं, जबकि अन्य को अलर्ट पर रखा गया है।
- गुजरात सरकार ने मछली पकड़ने वाली नौकाओं को तटों पर खड़ा कर दिया गया है और बड़े जहाजों को गहरे समुद्र में भेज दिया गया है, ताकि वे खगोलीय ज्वार से उठने वाली ऊंची लहरों से प्रभावित न हों।
- चार हजार से अधिक होर्डिंग हटा दिए गए हैं, ताकि तेज हवाएं चलने के दौरान उनके उखड़ने, हवा में उड़ने और लोगों को चोट पहुंचाने के खतरे को टाला जा सके।
- नमक मजदूरों और गर्भवती महिलाओं को भी क्रमश: सुरक्षित स्थआनों और अस्पतालों में ले जाया गया है।
- भारी बारिश के कारण कुछ निचले इलाकों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए ‘इन्फ्लेटेबल बोट्स’ का इंतजाम किया जाएगा।
- उत्तर (बठिंडा, पंजाब), पूर्वी (मुंडली, ओडिशा) और दक्षिण (अराकोणम, चेन्नई) में एनडीआरएफ की पांच-पांच टीमों को तैयार रखा गया है तथा जरूरत पड़ने पर उन्हें भारतीय वायुसेना के विमान से तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाया जाएगा।