Independence Day vs Republic Day: देशभर में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या से ही जश्न शुरू हो चुका है। इस वर्ष देश की आजादी के 77 वर्ष पूरे हो चुके हैं और हम आजादी के 78वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11वीं बार देश की जनता को लाल किले की प्राचीर से संबोधित करने वाले हैं, लेकिन अक्सर लोगों को यह कन्फ्यूजन रहता है कि आखिर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर क्या है, और ये कैसे एक दूसरे से अलग हैं? अगर आपको भी ऐसा कुछ कन्फ्यूजन है, तो ये खबर आपके काम की है।
स्वतंत्र दिवस-गणतंत्र दिवस दोनों का ही जश्न दिल्ली समेत पूरे देश में मनाया जाता है। हालांकि दोनों के ही जश्न की जगह और तरीका अलग-अलग हैं। इसके अलावा ध्वजारोहण का तरीका भी काफी अलग है।
पहला अंतर – ध्वजारोहण या झंडा फहराना
Independence Day, 15 अगस्त – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, झंडे को नीचे से एक रस्सी द्वारा खींचा जाता है, फिर खोला जाता है और फहराया जाता है। ऐसा 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना के सम्मान में किया जाता है। संविधान में इसे ध्वजारोहण कहा जाता है।
Republic Day- 26 जनवरी : वहीं, 26 जनवरी-गणतंत्र दिवस पर झंडा सबसे ऊपर बंधा रहता है, जिसे खोलकर फहराया जाता है। संविधान में इसे झंडा फहराना कहा जाता है।
दूसरा अंतर – कब कौन फहराता है झंडा?
Independence Day, 15 अगस्त : 15 अगस्त को प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं, क्योंकि जिस दिन भारत को आज़ादी मिली, उस दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था।
Republic Day – 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हैं> 26 जनवरी देश में संविधान लागू होने का स्मरण कराता है। इस दिन संवैधानिक प्रमुख या राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
तीसरा अंतर – कहां होता है जश्न
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में एक बड़ा अंतर जश्न को लेकर भी है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जश्न का समारोह दिल्ली के लालकिले में आयोजित किया जाता है। वहीं बात गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी की करें, तो उस दिन राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड होती है।
बता दें कि गुरुवार को 15 अगस्त के दिन दिल्ली के लाल किले पर सुबह साढ़े सात बजे ध्वजारोहण किया जाएगा और फिर पीएम नरेंद्र मोदी देश के नाम संबोधन देंगे।