Medha Patkar: दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को गिरफ्तार कर लिया। मेधा के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना द्वारा दायर 24 साल पुराने मानहानि मामले में प्रोबेशन बांड जमा नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई है।
मेधा पाटकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने के कुछ दिनों बाद दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर 24 साल पुराने मानहानि मामले में प्रोबेशन बांड जमा नहीं करने पर गिरफ्तार कर लिया।
बुधवार को दिल्ली की एक कोर्ट ने नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) की नेता पाटकर के खिलाफ 2000 में दर्ज मामले में गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया। एक दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले से जुड़े प्रोबेशन बॉन्ड के निष्पादन की कार्यवाही पर दो सप्ताह तक रोक लगाने की उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया था। मंगलवार को उच्च न्यायालय ने उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने को कहा। मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी।
पाटकर के खिलाफ मानहानि का मामला क्या है?
मानहानि मामले में मेधा पाटकर ने एलजी सक्सेना, जो उस समय गुजरात में एक एनजीओ के प्रमुख थे। उनको कथित तौर पर “कायर” कहा था और हवाला लेनदेन में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया था।
Raja Iqbal Singh: कौन हैं राजा इकबाल सिंह? दिल्ली एमसीडी के नए मेयर बने
25 नवंबर 2000 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पाटकर ने आरोप लगाया था कि सक्सेना एनबीए का गुप्त रूप से समर्थन कर रहे थे। जबकि सक्सेना के एनजीओ ने गुजरात सरकार की सरदार सरोवर परियोजना का सक्रिय रूप से समर्थन किया था, एनबीए विरोध में आंदोलन चला रहा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने एनबीए को एक चेक दिया था जो बाउंस हो गया।
पिछले साल मई में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पाटकर के बयानों को मानहानिकारक माना था और एक जुलाई को उन्हें पांच महीने जेल की सजा सुनाई थी। एएसजे सिंह ने सजा निलंबित कर दी थी और 29 जुलाई 2024 को उन्हें जमानत दे दी थी।
इस साल 8 अप्रैल को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली की साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने कार्यकर्ता को एक साल की परिवीक्षा दी थी। उन्होंने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता को उनके काम के लिए पुरस्कार मिले थे और उनके द्वारा किया गया अपराध इतना गंभीर नहीं था कि उन्हें कारावास की सजा दी जाए।
यह भी पढ़ें-
‘मेरा एक भाई जेल में है, दूसरा मुजाहिदीन…’, पहलगाम हमले में शामिल आतंकी की बहन का बयान
‘काफिर शब्द का इस्तेमाल बंद हो, जिस तरह SC-ST एक्ट…’, तहसीन पूनावाला ने की मोदी सरकार से बड़ी मांग