Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाला मामले में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि, वह पूछताछ में जाएंगे या नहीं इस पर संशय बना हुआ है। सीएम केजरीवाल ने ईडी और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर ईडी अपनी जांच बंद कर दे तो भाजपा के कई नेता पार्टी को छोड़कर चले जाएंगे। इस दौरान उन्होंने पीएमएलए की धारा 45 का जिक्र किया। आखिर क्या है पीएमएलए और उसकी धारा 45, आइए जानते हैं।

पीएमएलए का मतलब है प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट। 2002 में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) को पारित किया गया था। इसके बाद 1 जुलाई 2005 में इस अधिनियम को लागू कर दिया गया। इस कानून का मुख्य काम मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाना है। इसके अलावा इस कानून का असली मकसद काले धन के इस्तेमाल को रोकना, मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल या उससे मिली संपत्ति को जब्त करना और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े दूसरे क्राइम पर लगाम लगाना है। इन सभी अपराधों की जांच की जिम्मेदारी ईडी को दी गई है।

सरल भाषा में कहे तो मनी लॉन्ड्रिंग का सीधा अर्थ है कि गैर कानूनी तरीके से कमाए गए पैसों को लीगल तरीके से कमाए गए धन के रूप में तब्दील करना। मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से कमाए गए पैसों को छिपाने का भी एकमात्र तरीका है। इस तरह के पैसों की हेरफेर करने वालों को लाउन्डर कहा जाता है।

पीएमएलए की धारा 45 क्या है

अब बात करेंगे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा जिक्र की गई पीएमएलए की धारा 45 की। सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएमएलए की जिस धारा 45 के बारे में कहा है उसके तहत पीएमएएल के अंदर आने वाले सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होंगे। इसमें ईडी को कुछ मामलों में अधिकार है कि वह बिना किसी वारंट के आरोपी को गिरफ्तार कर सके। हालांकि, यह सभी मामलों में एकसमान नहीं होता।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा

आपको बता दें कि रविवार को अरविंद केजरीवाल राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी के घर पहुंचे थे। यहां पर सीएम के अलावा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पहुंचे थे। इस दौरान हुई बातचीत में सीएम केजरीवाल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज अगर हम ED को रोक दें और PMLA की धारा 45 को खत्म कर दें तो आधे नेता बीजेपी को छोड़कर चले जाएंगे। प्रवर्तन निदेशालय नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के लिए जिम्मेदार जांच एजेंसी है। कोई भी भाजपा में शामिल नहीं होगा अगर PMLA की धारा 45 को समाप्त कर दिया जाए। अगर इस धारा को खत्म कर दिया गया तो शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे जैसे नेता अपनी अलग पार्टियों का निर्माण कर लेंगे।