‘द वायर’ पर इंटरव्यू के दौरान जब करण थापर ने नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी ताकत और सबसे बड़ी कमजोरी को लेकर प्रशांत किशोर से सवाल किया तो इसका जवाब देते हुए किशोर ने कहा कि नरेंद्र मोदी की कमजोरी बताने के लिए मेरी शख्सियत बहुत छोटी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मुझे कोई जोर देकर पूछेगा तो मैं यही कह सकता हूं नरेंद्र मोदी का स्वभाव थोड़ा और दोस्ताना हो सकता है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि मोदी की खूबियों पर पूरी किताब लिखी जा सकती है। प्रशांत किशोर ने कहा कि संघ का प्रचारक होने के नाते मोदी हमेशा जमीन पर लोगों से खुद को जोड़ पाते हैं। इसके बाद मोदी ने बीजेपी में संगठन का काम देखा और लंबे समय तक वे गुजरात के सीएम रहे और अब भारत के पीएम हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी के पास एक ऐसा तुजर्बा है जो अपने आप में अनोखा है और किसी दूसरे के पास नहीं है।

प्रशांत किशोर ने करण थापर को इंटरव्यू में बताया कि जब वे 2011 में सबसे पहले नरेंद्र मोदी से मिले थे तो उस समय वजह गुजरात में कुपोषण की समस्या की थी। किशोर ने बताया, ‘समय के साथ-साथ मैं उनको राजनीतिक तौर पर भी मदद करने लगा।’ प्रशांत किशोर ने नरेंद्र मोदी को श्रेय देते हुए कहा कि उनमें मुझमें ऐसा कुछ देखा जिसका कि इस्तेमाल किया जा सकता था।

प्रशांत किशोर ने बताया कि नरेंद्र मोदी एक बहुत अच्छे श्रोता हैं। अगर जब वे आपसे बात कर रहे होते हैं तो आपको लगेगा कि वे वहां हैं और आपको सुन रहे हैं। प्रशांत किशोर ने बताया कि उन्हें नरेंद्र मोदी में बहुत सी खूबियां पसंद हैं।

करण थापर ने जब प्रशांत किशोर से पूछा कि क्या आपने मोदी को बनाने में मदद की है। इसका जवाब देते हुए किशोर हंसने लगे और कहने लगे कि आप बहुत बड़ी बात कह रहे हैं। नरेंद्र मोदी जो हैं उसमें मेरा बस एक छोटा सा योगदान भर है।

जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि आप मोदी को हराने में मदद करेंगे तो किशोर ने कहा कि मेरी जिंदगी का लक्ष्य इस हिसाब से तय नहीं होता है। मैं किसी को हराने या जिताने के लिए काम नहीं करता हूँ।