Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों की वजह से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके अचानक इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया था। विपक्ष दावा कर रहा था कि उनके इस्तीफे का कारण कुछ और हो सकता है। धनखड़ उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में ही रह रहे हैं और रोजाना योग का अभ्यास करते हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, धनखड़ की दिनचर्या को जानने वालों ने बताया कि वह रोज योग करते हैं और उपराष्ट्रपति निवास में अपने शुभचिंतकों और स्टाफ के साथ टेबल टेनिस खेलते हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि पहले के उपराष्ट्रपति भी यात्रा से लौटने के बाद अपने स्टाफ के साथ टेबल टेनिस खेलते थे।

विपक्षी दलों ने उठाए सवाल

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से जनता की नजरों से दूर रहने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सवाल उठाया कि वह कहां छिपे हुए थे और पूरी तरह से चुप क्यों हो गए थे। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के सम्मान में आयोजित एक समारोह में बोलते हुए , गांधी ने कहा, ‘पुराने उपराष्ट्रपति कहां चले गए? वे क्यों छिपे हुए हैं।’ लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि जिस दिन उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया, केसी वेणुगोपाल उनके पास आए और कहा कि उपराष्ट्रपति चले गए हैं। उन्होंने कहा, “उनके इस्तीफे के पीछे एक बड़ी कहानी है। आपमें से कुछ लोग इसे जानते होंगे, कुछ लोग नहीं जानते होंगे। लेकिन इसके पीछे एक कहानी है।”

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “और फिर एक कहानी है कि वह क्यों छिपे हुए हैं। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति ऐसी स्थिति में क्यों हैं, जहां वह एक शब्द भी नहीं बोल सकते और उन्हें छिपना पड़ रहा है। यह हर कोई जानता है।” गांधी ने कहा, “अचानक, वह व्यक्ति जो राज्यसभा में ‘प्रखरता से बोलता’ था, चुप हो गया है, पूरी तरह से चुप। इसलिए, हम ऐसे समय में जी रहे हैं।”

इससे कुछ दिन पहले राज्यसभा के सांसद कपिल सिब्बल ने कहा था कि जगदीप धनखड़ ने 22 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। इस घटना को 20 दिन हो गए हैं और हमें नहीं पता कि वह कहां हैं। वह अपने सरकारी आवास पर नहीं हैं। मैंने उनसे संपर्क करने की कोशिश की। हालांकि, उनके निजी सचिव ने फोन उठाया और कहा कि वह अभी आराम कर रहे हैं। शिवसेना के ठाकरे गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर धनखड़ के स्वास्थ्य और उनके ठिकाने के बारे में जानकारी ली थी। राउत ने यह भी सवाल उठाया था कि क्या धनखड़ पर सरकार का कोई दबाव था।

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