दिल्ली में पिछले साल 5 साल की बच्ची का शारीरिक उत्पीड़न हुआ और तब उसके माता-पिता ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन अब तक आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इस मामले में लड़की के माता-पिता न्याय की गुहार लगा रहे हैं और इसके बाद भारत का विदेश मंत्रालय एक्शन में आया है।
आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के पीछे वजह यह है कि आरोपी डिप्लोमेट यानी राजनयिक का बेटा है और इस वजह से उसे Diplomatic Immunity (राजनयिक छूट) मिली हुई है।
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क्या है यह पूरा मामला?
यह मामला दक्षिणी दिल्ली के एक स्कूल का है। आरोपी इस स्कूल में 12वीं कक्षा का छात्र है और अगस्त, 2024 में यौन उत्पीड़न की इस घटना के बाद उसे स्कूल से बाहर कर दिया गया था। यौन उत्पीड़न की घटना स्कूल बस में हुई थी। सितंबर में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी और नवंबर में पुलिस ने आरोपी की पहचान की और FIR में उसका नाम भी दर्ज किया।
पुलिस के सामने मुश्किल यही थी कि उस शख्स को राजनयिक छूट मिली हुई है और इसलिए वह उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई नहीं कर सकती थी।
स्कूल ने नहीं लिया एक्शन
बच्ची के माता-पिता ने स्कूल के अधिकारियों और पुलिस दोनों को इस घटना के बारे में बताया था। माता-पिता का कहना है कि स्कूल ने फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया जबकि पुलिस ने बताया कि उसने विदेश मंत्रालय को इस मामले में पत्र लिखा था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पत्रकारों को बताया कि भारत ने केन्या की सरकार से अनुरोध किया है कि उस शख्स को मिलने वाली राजनयिक छूट को खत्म कर दिया जाए जिससे मामले की जांच आगे बढ़ सके। उन्होंने बताया कि सरकार इस मामले में लगातार केन्या की हुकूमत के संपर्क में है।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75(2) और पॉक्सो (POCSO) अधिनियम की धारा 10 और अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज की है। लेकिन अड़चन फिर से वही है कि आरोपी राजनयिक के बेटे के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई तभी हो सकती है जब उसकी राजनयिक छूट (Diplomatic Immunity) खत्म हो जाए।
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क्या होती है Diplomatic Immunity?
राजनयिक छूट एक विशेष सुरक्षा होती है, जो किसी देश में तैनात विदेशी राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को दी जाती है। इसके तहत उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता और न ही उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है भले ही वे स्थानीय कानून ही क्यों ना तोड़ दें।
1961 के विएना समझौते (Vienna Convention on Diplomatic Relations) के मुताबिक, किसी राजनयिक या उनके विशेषाधिकार प्राप्त परिवार के सदस्यों की न्यायिक छूट को केवल उन्हें भेजने वाला देश ही समाप्त कर सकता है। इस मामले में, यह अधिकार केन्या के पास है। विदेश मंत्रालय ने केन्या की सरकार से अनुरोध किया है कि वह आरोपी को दी गई राजनयिक छूट को रद्द कर दे।
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