Dehradun Paltan Bazar: देहरादून के पलटन बाजार में दुकान में काम करने वाले युवक के युवती से छेड़छाड़ मामले के विवाद के बाद पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। पुलिस ने मंगलवार को शहर के पलटन बाजार में 92 व्यापारियों को बिजनेस परमिट की कमी का हवाला देते हुए हिरासत में लिया। इस क्षेत्र में वेरिफिकेशन अभियान उस समय शुरू हुआ जब पुलिस ने उत्तर प्रदेश के उमर नाम के शख्स पर केस दर्ज किया और अरेस्ट किया। आरोपी पर बीएनएस की कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। जूते की दुकान पर काम करने वाले उमर के खिलाफ महिला की शिकायत के बाद गिरफ्तारी हुई।

देहरादून पुलिस के मुताबिक, बाजार के क्षेत्र में जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच में मीटिंग के बाद राज्य के बाहर से आने वाले व्यापारियों के लिए वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया। इस मीटिंग में तमाम तरह के सुझाव दिए गए थे। इसमें महिलाओं के लिए अलग बूथ बनाना, महिला पुलिसकर्मियों की गश्त बढ़ाना और बाजार वाले एरिया में ज्यादा से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाना भी शामिल है।

बिना वेरिफिकेशन के कारोबार करने वालों पर होगा ये एक्शन

देहरादून के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक, बिना वेरिफिकेशन के बाजार में कारोबार करने वालों का चालान किया जाएगा। इस तरह का अभियान उस टाइम में चलाया जा रहा है जब रुद्रप्रयाग में तनाव में बढ़ोतरी हुई है। यहां पर कुछ बोर्ड लगे हुए मिले थे। इसमें गैर हिंदुओं और रोहिंग्या मुसलमानों को धमकी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि अगर वे इस क्षेत्र में कारोबार करते हुए मिलते हैं तो उन्हें इसका गंभीर अंजाम भुगतना होगा।

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बजरंग दल हुआ एक्टिव

बजरंग दल ने सोमवार को बाजार में व्यापारियों से विरोध के तौर पर अपनी दुकानें बंद रखने को कहा। बजरंग दल के नेता विकास वर्मा के मुताबिक, स्थानीय ट्रेड यूनियन के सदस्यों द्वारा छेड़छाड़ के आरोपी कर्मचारी को पुलिस के हवाले करने के बाद स्थानीय मुसलमानों ने गिरफ्तारी का विरोध किया। इनमें देहरादून के शहर काजी मोहम्मद अहमद काजमी भी शामिल थे।

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने दुकानें बंद करने का आह्वान किया। इसके बाद मुसलमानों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। इसका विरोध करने के लिए कई अन्य संगठनों ने भी बाजार बंद करने का आह्वान किया। हालांकि, मुस्लिम सेवा संगठन ने मीडिया प्रभारी वसीम अहमद ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनका विरोध इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के खिलाफ है। उन्होंने इस आरोप से भी इनकार किया कि मौलवी ने संदिग्ध का बचाव किया।

हमने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और शिकायत की कि अरेस्ट किए गए शख्स को पुलिस के हवाले करने से पहले उसके साथ बुरा बर्ताव किया गया। शहर काजी मोहम्मद अहमद काजमी ने जिला मजिस्ट्रेट से यह भी कहा कि यह घटना सांप्रदायिक रंग ना ले और सही तरीके से जांच की जाए और आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए।