AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की 67वीं वर्षगांठ पर हैदराबाद में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वे मीडिया में हर जगह कहते हैं कि मुगलों ने 400 साल पहले कई मंदिरों को तोड़ दिए थे। उन्होंने कहा कि वे मुझसे पूछते हैं कि बोलो, मेरा मुगलों से क्या लेना-देना। अरे मेरे को मुगलों से क्या करना है। क्या वे अब्बा थे या फिर मेरे नाना था।

हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘रिचर्ड एम ईटन ने अपनी किताब टेम्पल डिसेक्रेशन में लिखा है कि 11वीं शताब्दी से लेकर 1600 तक मुस्लिम शासन के दौरान 80 मंदिर नष्ट किए गए थे। पुष्यमित्र शुंग आपके बड़े अब्बू थे या नहीं थे बोलो। पुष्यमित्र शुंग ने हजारों पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया। पुष्यमित्र शुंग पर पिक्चर बनाओ। पल्लव सम्राट नरसिंहवर्मन ने 1640 ई में चालुक्य की राजधानी वातापी में एक गणेश मूर्ति चुरा ली थी। ह्वेन त्सांग ने लिखा कि शशांक ने बोधि वृक्ष को काट दिया। 10वीं शताब्दी में राजा इंद्र ने कालप्रिय मंदिर को ध्वस्त कर दिया।’

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मुझे मुगलों से क्या करना- ओवैसी

ओवैसी ने आगे कहा, ‘अरे पूरी तारीख तुम्हारे सामने रख दूंगा। तुम्हारा प्रॉब्लम क्या है कि तुम्हारे बड़े अब्बू जो करें तो तुम उसको भूल जाते हो। आपके मामू जो करें वो आप भूल जाते हैं और मेरे को बोलते हैं कि तुम बोलो, अरे मेरे को क्या करना है मुगलों से। वो क्या मेरे अब्बा थे या मेरे नाना थे। वो कुछ भी नहीं थे। वह केवल बादशाह थे। बादशाहों का कोई भी मजहब नहीं होता है। बादशाह मजहब का इस्तेमाल करके अपनी हुकूमत को बढ़ाते हैं। वे अपने शासन का विस्तार करने के लिए धर्म का उपयोग करते हैं। यदि नरेंद्र मोदी और बीजेपी को छत्रपति संभाजी महाराज से इतनी ही आत्मीयता है, तो मराठों को आरक्षण दें। आप ऐसा क्यों नहीं करते।’

ओवैसी ने योगी पर बोला हमला

एआईएमआईएम चीफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि यूपी के सीएम को उर्दू नहीं आती है। लेकिन वे साइंटिस्ट क्यों नहीं बने, इसका जवाब केवल वे ही दे सकते हैं। यूपी के सीएम जिस विचारधारा से आते हैं, उस विचारधारा से किसी ने भी इस देश की आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया। वे गोरखपुर से आते हैं। रघुपति सहाय फिराक भी उसी गोरखपुर से आते हैं। वे उर्दू के मशहूर शायर थे, लेकिन वे मुसलमान नहीं थे।’ उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सपा उर्दू को बढ़ावा देकर बच्चों को मौलवी बनाना चाहती है। पैगंबर मोहम्मद पर यति नरसिंहानंद की टिप्पणी से बवाल