Cabinet Committee on Security (CCS): पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी आ गई है। माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है। इस संबंध में मोदी सरकार ने सेना को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Political Affairs) (CCPA) और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की समिति Cabinet Committee on Security (CCS) की बैठक लेंगे। ऐसे में यह जानना अहम होगा कि यह दोनों समितियां कितनी महत्वपूर्ण हैं?
याद दिलाना होगा कि इससे पहले भी मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लेते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना, वीजा रद्द करना और पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने के कदम उठाए हैं।
पुलवामा हमले के बाद हुई थी CCPA की बैठक
CCPA की पिछली बैठक साल 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद हुई थी। तब बैठक में पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद 26 फरवरी, 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी।
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CCPA देश के बेहद अहम राजनीतिक और आर्थिक मामलों की समीक्षा करती है और इस संबंध में फैसले लेती है। यह कमेटी केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों पर भी विचार करती है। विशेषकर तब जब किसी मामले में आम सहमति बनाने की जरूरत हो।
CCPA की बैठकों में आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा होती है और फैसले लिए जाते हैं। यह कमेटी अलग-अलग मंत्रालयों के बीच को-आर्डिनेशन बनाने का भी काम करती है और इसके दूरगामी राजनीतिक नतीजे होते हैं। इसके अलावा CCPA विदेश नीति के ऐसे मामलों पर चर्चा करती है जिनका देश की राजनीति पर असर पड़ने की संभावना हो।
कौन होते हैं CCPA के सदस्य?
CCPA के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन और यातायात मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, महिला और बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल हैं।
सहयोगी दलों के कैबिनेट मंत्रियों को भी सीसीपीए में जगह दी गई है।
Cabinet Committee on Security महत्वपूर्ण क्यों है?
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में CCS में वित्त, रक्षा, गृह और विदेश मंत्री शामिल हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा की संस्थाओं में होने वाली नियुक्तियों को देखती है। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों, भारत के रक्षा व्यय के संबंध में प्रमुख निर्णय CCS द्वारा लिए जाते हैं।
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CCS कानून और व्यवस्था तथा आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों, विदेश मामलों से संबंधित नीतिगत मामलों पर भी विचार-विमर्श करती है। यह परमाणु ऊर्जा से संबंधित मामलों पर भी चर्चा करती है।
इसके अलावा भी कैबिनेट की कई समितियां हैं जैसे- Cabinet Committee on Economic Affairs, Cabinet Committee on Investment and Growth, Cabinet Committee on Parliamentary Affairs, Cabinet Committee on Employment & Skill Development आदि।
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