राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने का मामला सामने आ रहा है। इस वजह से 1 जनवरी तक सरकार ने पटाखा जलाने पर बैन लगा दिया है। वहीं आसपास के प्रदेशों में जलाई जा रही पराली की वजह से दिल्ली में प्रदूषण आगामी महीनें में और बढ़ने का अनुमान है। ऐसे में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार ने आगामी 15 नवंबर तक कृत्रिम बारिश कराने को लेकर पत्र लिखा है।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है। जिससे निजात पाने के लिए प्रशासन से लेकर हर कोई परेशान है। इससे निजात पाने के लिए तमाम उपाय भी किए जा रहे हैं फिर भी कोई ठोस निदान नहीं निकल पा रहा है। आम तौर पर दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण अक्टूबर से लेकर दिसंबर के तक होता है। क्योंकि पंजाब और हरियाणा के इलाकों में इन दिनों में खूब पराली जलाई जाती है। वहीं इसी बीच में दिवाली का त्योहार भी आता है। जिस दौरान दिल्ली वासी खूब पटाखे भी छोड़ते है। जिससे वायु प्रदूषण बहुत ही ज्यादा हो जाता है।
क्या होती है आर्टिफिशियल बारिश
साइंस के प्रयोग ने दुनिया में बहुत सी क्रांति की है। आर्टिफिशियल बारिश भी इन्हीं में से एक है। हालांकि आर्टिफिशियल बारिश कोई नया नहीं है। इसके पहले भी जरूरत के हिसाब से कई जगहों पर बारिश कराई जाती है। लेकिन इस समय हम बात इस वजह से आर्टिफिशियल बारिश को लेकर कर रहे हैं क्योंकि बीते कुछ महीने पहले दुबई में इस प्रयोग को किया गया था। जिसके बाद बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था।
ऐसे तैयार होता है कृत्रिम बादल
इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण को देखते हुए आर्टिफिशियल बारिश कराने का प्रस्ताव भेजा है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की मानें तो केंद्र सरकार से राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के आपातकालीन उपायों के तहत आर्टिफिशियल बारिश कराने को लेकर सभी विभागों की बैठक बुलाने की मांग की है। राय ने केंद्र को पत्र लिखकर प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया है कि नवंबर की शुरुआत में राजधानी में प्रदूषण की स्थिति घातक स्थिति में पहुंच सकती है।
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कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग की जाता है। क्लाउड सीडिंग का अर्थ होता है बादल पर बारिश के लिए बीज बोना। हालांकि ये सुनने में जरूर अजीब लग रहा हो पर यह पूरी तरह से सही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बादल में बीज के रूप में सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड जैसे तत्वों का प्रयोग किया जाता है। इसी विधि की मदद से बादलों से कृत्रिम बारिश कराई जाती है।
कृत्रिम बारिश की वजह से दुबई में आ गई थी बाढ़
इसी साल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कृत्रिम बारिश कराई गई थी। जिसके बाद तो पूरी स्थिति ही बदल गई। राजधानी दुबई में कराई गई आर्टिफिशियल बारिश से महज कुछ ही घंटों में इतनी बारिश हो गई जितनी डेढ़ साल में धीरे-धीरे होती है। जिस वजह से पूरे शहर में बाढ़ जैसी स्थिति आ गई। मौसम विभाग के अनुसार करीब 5.7 इंच तक बारिश हुई थी। वहीं इसको लेकर वैज्ञानिकों ने बताया था कि पूरा प्लान ही फेल हो गया था। कृत्रिम बारिश के दौरान बादल ही फट गया जिस वजह से ज्यादा बारिश हो गई।