West Bengal Politics News: तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को पश्चिम बंगाल के कई जिलों में संगठनात्मक फेरबदल की घोषणा की जिसमें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ में बदलाव भी शामिल है। टीएमसी ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम बीजेपी का मुकाबला करने की अपनी रणनीति के तहत उठाया है। सत्तारूढ़ दल ने नदिया, बीरभूम और बशीरहाट जैसे जिलों में अपनी महिला, युवा और श्रमिक शाखाओं के लिए नए ब्लॉक और नगर अध्यक्षों की नियुक्ति की। पार्टी ने नई जिला-स्तरीय समितियों का भी गठन किया।
टीएमसी ने अपने एक बयान में कहा कि पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में तृणमूल कांग्रेस को नए तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक/नगर अध्यक्षों की सूची की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने और भाजपा के हिंदुत्ववादी रणनीति का मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रही है।
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संगठन में किए बड़े बदलाव
टीएमसी का मुकाबला करने के लिए टीएमसी ने कोलकाता उत्तर और दक्षिण, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, और मुर्शिदाबाद (बरहामपुर और जियागंज) सहित 35 संगठनात्मक जिलों के लिए नए अध्यक्ष नियुक्त किए हैं। इन नियुक्तियों का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के साथ घनिष्ठ जुड़ाव सुनिश्चित करना है।
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बीजेपी से मुकाबले की पूरी तैयारी
टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा है कि हम नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन और जनता के साथ उनके जुड़ाव के आधार पर बदलाव कर रहे हैं। आने वाले दिनों में ऐसे और भी बदलाव होंगे। संगठनात्मक सुधार के अलावा, पार्टी ने राज्य भर में ब्लॉक-स्तरीय विजय सम्मेलन की शुरुआत की है जिसके तहत अब तक 60 से अधिक ऐसे आयोजन हो चुके हैं।
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि लगभग 50 मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को भाजपा के कब्जे वाले निर्वाचन क्षेत्रों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करने, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को लोगों के सामने रखने, जमीनी स्तर पर संपर्क मजबूत करने और मतदाता सूची संशोधन से पहले बूथ स्तर के काम के लिए कार्यकर्ताओं को तैयार करने का कार्य सौंपा गया है।
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