पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव के दौरान हो रही हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंदा बोस ने स्टेट इलेक्शन कमिश्नर को राजभवन तलब किया था। लेकिन उन्होंने राजभवन जाने से गुरेज किया। संदेश भिजवा दिया कि वो चुनाव की तैयारी में व्यस्त हैं। लिहाजा नहीं आ सकते। हालांकि उसके बाद राजभवन की तरफ से राज्य चुनाव आयुक्त को एक सीलबंद लिफाफा भिजवाया गया।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य निर्वाचन आयुक्त (SEC) राजीव सिन्हा के उनसे मुलाकात करने के लिए राजभवन नहीं आने के बाद सिन्हा को एक सीलबंद लिफाफा भेजा है। राजीव सिन्हा ने तर्क दिया था कि वह चुनाव संबंधी कार्य में बहुत व्यस्त हैं और राज्यपाल से मिलने के लिए राजभवन नहीं आ सकेंगे।
राजभवन ने लिफाफे के मजमून के बारे में नहीं दी कोई जानकारी
राज्यपाल ने एसईसी को चुनाव संबंधी हिंसा की हालिया घटनाओं पर चर्चा करने के लिए राजभवन बुलाया था। वो नहीं पहुंचे तो आनंदा बोस ने एसईसी को एक सीलबंद लिफाफा भेजा। माना जा रहा है कि लिफाफे में संवेदनशील कागजात हैं। ये सारे कागजात पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा से जुड़े हैं। हालांकि राजभवन ने लिफाफे में मौजूद दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
गौरतलब है कि राज्यपाल ने दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग, भांगर और बसंती तथा राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित दिनहाटा और सीताई में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। राज्य में पिछले एक महीने में चुनावी हिंसा के कारण कई लोग मारे गए हैं।
आठ को होंगे ग्राम पंचायतों की 74 हजार सीटों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की लगभग 74 हजार सीटों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। इन चुनावों में लगभग 5.67 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। अभी तक जो नामांकन दाखिल किए गए हैं उनमें टीएमसी का दबदबा है। विपक्षी दलों के नेता अपनी सुरक्षा और दूसरी शिकायतों को लेकर लगातार कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।