पिछले एक महीने से देशभर में सुर्खियों में बना पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र पर अब राजभवन भी एक्टिव हो गया है। संदेशखाली में महिलाओं के उत्पीड़न और कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं के हमले की शिकायतों पर सरकार के एक्शन नहीं लेने से राजभवन सख्त हो गया है। स्वयं गवर्नर सीवी आनंद बोस 12 फरवरी को संदेशखाली जाकर पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की थी। इस दौरान कई महिलाओं ने उन्हें अपने साथ हुए अत्याचार की जानकारी दी थी। बाद में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इलाके का दौरा किया और महिलाओं से जानकारी ली।

कई महिलाओं ने राजभवन में फोन कर मांगी सुरक्षा

इस बीच कई पीड़ित महिलाओं और उनके परिवार वालों ने राजभवन में फोन करके सुरक्षा की मांग की है। इस पर गवर्नर ने अफसरों को राजभवन में पीस होम खोलने का आदेश दिया। उनके निर्देश पर तीन कमरों का एक पीस होम बनाया गया है। इन कमरों में पीड़ित महिलाएं आकर रह सकती हैं। इनको वहां रहने, खाने समेत सभी सुविधाएं मुफ्त में मिलेंगी। उनकी देखभाल के लिए महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

गवर्नर इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से देख रहे हैं

राजभवन की ओर से कहा गया है कि अगर किसी पीड़िता को डर लग रहा है तो वह राजभवन में आकर रह सकती है। गवर्नर की ओर से पीड़ित महिलाओं की हर तरह से रक्षा करने का आश्वासन दिया गया है। गवर्नर इस मुद्दे को व्यक्तिगत रूप से देख रहे हैं।

उधर, गवर्नर सी.वी. आनंद बोस मंगलवार को उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा पहुंचे। वहां उन्होंने उन चार बच्चों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करने गए हैं, जिनकी भारत-बांग्लादेश सीमा के पास जल निकासी विस्तार के दौरान कथित तौर पर मिट्टी धंस जाने से मौत हो गई थी। राजभवन के एक सूत्र ने बताया कि बोस सोमवार रात किशनगंज के लिए ट्रेन में सवार हुए। इसके बाद वह सड़क मार्ग से चोपड़ा पहुंचे। चोपड़ा प्रखंड के चेतनगाछ गांव में 12 फरवरी को खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से उसके नीचे दब कर पांच से 12 साल की उम्र के चार बच्चों की मौत हो गई थी। निर्माण कार्य बीएसएफ द्वारा किया गया था।

इस दुर्घटना ने उस वक्त राजनीतिक मोड़ ले लिया जब टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चार नाबालिगों की मौत के लिए लापरवाही का आरोप लगाते हुए “बीएसएफ को जिम्मेदार” ठहराया। टीएमसी ने घटना के लिए बीएसएफ को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि उसकी लापरवाही से चारों बच्चों की जान गई।