West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल में बीजेपी लंबे वक्त से पैर जमाने की कोशिश कर रही है। 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की कोशिश नाकाम हो गई थी और टीएमसी ने अपनी ताकत दिखाई थी। 2026 के विधानसभा चुनाव के पहले टीएमसी फिर अपनी तैयारियों जुटी हुई है और संगठन के स्तर पर उसने बदलाव करने के शुरू कर दिए हैं लेकिन पार्टी की असल मुश्किल आंतरिक टकराव है।

दरअसल, पिछले शुक्रवार को टीएमसी ने 11 नए जिला अध्यक्ष और 12 नए अध्यक्ष नियुक्त किए, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी में गुटबाजी पर नियंत्रण रखना ममता दीदी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है, जिसने पांच साल पहले विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी को प्रभावित किया था। पार्टी ने सबसे स्पष्ट संदेश बीरभूम में भेजा है, जहां उसने सीएम के करीबी सहयोगी और कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को जिला अध्यक्ष पद से हटा दिया है।

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अनुब्रत मंडल के प्रतिद्वंदी को मिली जिम्मेदारी

वहीं टीएमसी ने वरिष्ठ विधायक आशीष बनर्जी की अध्यक्षता में एक कोर कमेटी का गठन किया है। इस समिति में वरिष्ठ नेता अभिजीत सिन्हा, चंद्रनाथ सिन्हा, विकास रॉयचौधरी, सुदीप्तो घोष और काजल शेख भी शामिल हैं। ये नेता जिले में अनुब्रत मंडल के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी हैं और जिन्हें पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है। बीरभूम से टीएमसी सांसद शताब्दी रॉय और असित कुमार मल को समिति में आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

बता दें कि सीबीआई ने अगस्त 2022 में कथित मवेशी तस्करी के एक मामले में अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था और पिछले सितंबर में ही वह जेल से बाहर आया था जबकि सूत्रों ने कहा कि बीरभूम में नियंत्रण अब किसी विशेष व्यक्ति के पास नहीं है। इंडिय एक्सप्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि रविवार को जब पैनल के सदस्यों की बैठक हुई तो टीएमसी प्रमुख ने “संतुलन का काम” किया। एक सूत्र ने कहा, “ममता ने बीरभूम कोर कमेटी की बैठक के दौरान मंडल को बुलाया और उन्हें पार्टी में उनके निरंतर महत्व का आश्वासन दिया।”

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उत्तरी कोलकाता में कुणाल घोष को झटका

इसके अलावा उत्तरी कोलकाता में भी टीएमसी ने संगठन के स्तर पर बदलाव किया है, जहां जिला अध्यक्ष सुदीप बंदोपाध्याय को जिला कोर समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पार्टी ने शशि पांजा, नयना बंदोपाध्याय, अतिन घोष, परेश पाल, सुप्ती पांडे, स्वर्णकमल साहा, स्वप्न समाद्दार, जीवन साहा और विवेक गुप्ता जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी संगठन में जगह दी है। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष, को इसमें जगह नहीं दी गई है। बता दें कि बंदोपाध्याय के साथ घोष के संबंध अच्छे नहीं है।

टीएमसी के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि सुदीप बंदोपाध्याय को पहले भी हटाया गया था और उनकी जगह तापस रॉय को लाया गया था। रॉय के BJP में शामिल होने के बाद उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया। बंदोपाध्याय ममता के करीबी हैं। बीरभूम में ममता और अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले अनुब्रत मंडल और शाहजहां शेख दोनों को ही जगह मिली है।

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संगठन में हुए 35 बड़े बदलाव

अपनी कवायद के तहत टीएमसी ने 35 संगठनात्मक जिलों में से 18 में बदलाव किए हैं, हालांकि कुछ जिला अध्यक्षों और चेयरपर्सन के नामों की घोषणा अभी बाकी है। जिला अध्यक्षों के पद से हटाए गए अन्य बड़े नामों में एमपी अरूप चक्रवर्ती शामिल हैं जो अब पार्टी के बांकुरा जिला अध्यक्ष नहीं हैं और उनकी जगह पापिया घोष को दार्जिलिंग जिला इकाई प्रमुख बनाया गया है।

2021 के चुनावों से सीख ले रही TMC

टीएमसी के सूत्रों के मुताबिक बदलावों की वजह 2021 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को लगे झटके पहले पार्टी को लगे झटके हैं। पार्टी इस बार खुद को उससे बचाना चाहती है। 2021 में बीजेपी ने जीत जरूर हासिल की थी, लेकिन उस समय कुछ बड़े नामों के दलबदल ने चिंता पैदा कर दी थी। उस समय पार्टी छोड़ने वालों में विपक्ष के मौजूदा नेता सुवेंदु अधिकारी शामिल थे, जो दिसंबर 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा कुछ मौजूदा विधायक भी बीजेपी की तरफ चले गए थे। इसमें सोनाली गुहा, रवींद्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लाहिड़ी और दीपेंदु बिस्वास शामिल थे, जिन्होंने चुनावों से कुछ हफ़्ते पहले मार्च 2021 में पार्टी छोड़ दी।

सोमवार को डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी ने खुद फरवरी में एक पार्टी कार्यक्रम में पुनर्गठन की घोषणा की थी। जिन्होंने पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया है और सरकारी योजनाओं को लोगों के दरवाजे तक पहुंचाया है, उन्हें इनाम मिलेगा। अभिषेक ने कहा कि हमने उन लोगों की कड़ी मेहनत को भी स्वीकार किया है जिन्हें पॉजिटिव परिणाम नहीं मिले। सभी एक टीम के रूप में काम करेंगे। टीएमसी सांसद ने कहा कि संगठन के बदलाव को इस तरह से नहीं देखा जाना चाहिए, कि किसकी शक्ति कम हुई या किसका दबदबा बढ़ा। सभी को एक टीम के तौर पर काम करना चाहिए।

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