Atri Mitra, Santanu Chowdhury
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में टीएमसी की बंपर जीत हासिल की है। तृणमूल कांग्रेस ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग को छोड़कर हर जिले में जीत हासिल की। भाजपा दूसरे स्थान पर है और सीपीआईएम-कांग्रेस गठबंधन तीसरे स्थान पर है। शुरुआत में ऐसी उम्मीद थी कि कांग्रेस और सीपीआई (एम) गठबंधन मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में अच्छा प्रदर्शन करेगा लेकिन शुरुआती रुझानों में दोनों जिलों में टीएमसी आगे थी।
TMC ने हासिल की बंपर जीत
इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) जो बंगाल में मुस्लिम इलाकों में एक ताकत के रूप में उभर रहा है, उसने अपने गढ़ भांगर में अच्छा प्रदर्शन किया। सीपीआई (एम) और भूमि अधिग्रहण विरोधी समिति के साथ आईएसएफ का गठबंधन भांगर के कुछ ब्लॉकों में टीएमसी को कड़ी टक्कर दे रहा था। यहां पर चुनावों में सबसे खराब हिंसा देखी गई थी। शाम 6 बजे तक टीएमसी ने कुल 63,229 ग्राम पंचायत सीटों में से 18,590 पर जीत हासिल की। भाजपा 4,479 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं उसके बाद सीपीएम 1,426 सीटों के साथ तीसरे और कांग्रेस 1,071 सीटों के साथ चौथे स्थान पर है।
निर्दलीय उम्मीदवारों ने लगभग 1,062 ग्राम पंचायत सीटों पर जीत हासिल की है। पंचायतों पर नियंत्रण के मामले में टीएमसी कुल 3,317 में से 2,138, भाजपा 122, कांग्रेस 26 और वाम मोर्चा 15 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है। राज्य भर में 103 ग्राम पंचायतों में निर्दलीय सहित अन्य दल आगे चल रहे थे।
भांगर-II ब्लॉक की 10 ग्राम पंचायतों की 218 सीटों में से टीएमसी ने 86 पर निर्विरोध जीत हासिल की। जिन 132 सीटों पर मतदान हुआ, उनमें से टीएमसी ने 63 सीटें जीतीं, जबकि सीपीआई (M)-आईएसएफ-जोमी जिबिका बस्तुतंत्र ओ पोरिबेश रोक्खा समिति ने 68 सीटें (सीपीएम 7, आईएसएफ 43 और जोमी जिबिका 18) जीतीं।
जोमी जिबिका नेता मिर्जा हाकिम ने कहा कि नतीजों से पता चलता है कि भांगर ने टीएमसी को खारिज कर दिया। उन्होंने हमें 86 सीटों पर नामांकन दाखिल करने से जबरदस्ती रोका था। हमने हाई कोर्ट में केस दायर किया है। अगर हमारे पक्ष में फैसला आता है तो हम 86 सीटों में से अधिकांश सीटें जीतेंगे। आईएसएफ नेता नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि टीएमसी को पता था कि अगर वास्तव में लोकतांत्रिक चुनाव हुआ तो वे हार जाएंगे। इसलिए नामांकन अवधि शुरू होने के बाद उन्होंने असीमित आतंक फैलाया। जहां भी विपक्ष जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम था, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया।
पंचायत समितियों में टीएमसी ने शाम 6 बजे तक 9,740 सीटों में से 112 सीटें जीत ली और 59 पर आगे चल रही थी। भाजपा 9 पंचायत समितियों में आगे थी, जबकि वाम मोर्चा 2 में आगे थी। शाम 6 बजे तक कुल 928 में से 18 जीतकर जिला परिषद सीटों पर भी टीएमसी आगे थी। बाकी सीटों के नतीजे अभी आने बाकी हैं।
गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (GTA) के अंतर्गत आने वाले दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के पहाड़ी जिलों में हुए पंचायत चुनावों में टीएमसी की सहयोगी अनित थापा की भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (BGPM) ने शुरुआती बढ़त हासिल की। लेकिन आखिरी रिपोर्ट आने तक 70 ग्राम पंचायतों में से 33 में बीजीपीएम की जीत के बावजूद टीएमसी अपना खाता नहीं खोल पाई।
मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 21 लोग मारे गए जबकि बूथ कैप्चरिंग, मतपेटी लूटने और मतपत्रों को नष्ट करने की कई खबरें आईं। पश्चिम बंगाल में 3,317 ग्राम पंचायतें हैं जिनमें 63,229 सीटें हैं। 341 पंचायत समितियां हैं, जिनमें 9,730 सीटें हैं और 20 जिला परिषदें हैं जिनमें 928 सीटें हैं।
अभिषेक बनर्जी ने जनता को दिया धन्यवाद
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी को समर्थन देने के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा कि यहां तक कि पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए निराधार प्रचार वाला दुर्भावनापूर्ण अभियान भी मतदाताओं को प्रभावित नहीं कर सका। वहीं राज्य सरकार में मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि भाजपा ठोस जमीन खोजने के लिए संघर्ष कर रही है। बंगाल के लोगों ने उनकी विभाजनकारी राजनीति का दरवाजा एक बार फिर से बंद कर दिया है।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी ने वोट लूटा है। सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुआ होता, तो टीएमसी 20,000 से अधिक पंचायत सीटें नहीं जीतती। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हिंसा को देखते हुए परिणाम कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हमारे केंद्रीय नेता परेशान नहीं हैं क्योंकि यह शुरू से ही स्पष्ट था कि टीएमसी जीतेगी। उन्होंने बड़े पैमाने पर आतंक फैलाया इसलिए यह लोगों के जनादेश का सच्चा प्रतिबिंब नहीं है।