पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कूचबिहार और इसके आसपास के कुछ जिलों को मिलाकर ‘ग्रेटर कूचबिहार’ राज्य बनाने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है़। ‘ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन’(जीसीपीए) ने शनिवार से बेमियादी ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही ठप सी हो गई है। उत्तर पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि आंदोलन के कारण लंबी दूरी की कई ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया है। संगठन के हजारों समर्थक कूचबिहार स्टेशन सहित अन्य कई स्टेशनों के पास रेल पटरियों पर बैठ गए हैं, इस कारण से रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हो गई है। गुवाहाटी की ओर आने-जाने वाली सभी ट्रेनों पर इस इसका असर पड़ा है़।
आंदोलन के कारण राजधानी एक्सप्रेस सहित करीब 21 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा नई दिल्ली से गुवाहाटी की ओर जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रुकी हुई है़। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ब्रह्मपुत्र मेल के अलावा कई अन्य ट्रेनों को विभिन्न स्थानों पर रोक दिया गया है़। पुणे कामाख्या तथा अन्य ट्रेनों को डुवार्स होकर चलाया जा रहा है़।
कहां रुकी हैं ट्रेनें
‘पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस’ असम के सलेकती में, हावड़ा-डिब्रूगढ़ कामरूप एक्सप्रेस धूपगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में, ‘नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ मेल’, ‘उत्तर प्रदेश राजधानी एक्सप्रेस’ और ‘उत्तर-पूर्व एक्सप्रेस’ न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर फंसी हुई हैं. ‘डाउन राजधानी एक्सप्रेस’ (कानपुर होते हुए) बोंगाईगांव में, ‘डाउन कामरूप एक्सप्रेस’ असम के बारपेटा रोड स्टेशन में फंसी हुई हैं।
क्या है मांग
जीसीपीए नेता बीबी बर्मन ने बताया कि तत्कालीन कूचबिहार महाराजा और भारत सरकार के बीच समझौते के तहत कूचबिहार को भारत में शामिल किया गया था। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ बी सी रॉय ने इसे राज्य में एक जिले के तौर पर शामिल किया। जीसीपीए नेता ने कहा कि जब तक कूचबिहार को ‘सी’ श्रेणी का राज्य या केंद्र शासित दर्जा देने की उनकी मांग को मंजूर नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। अलग ग्रेटर कूचबिहार राज्य में असम के कुछ जिलों को भी शामिल करने की मांग की जा रही है।