2024 का लोकसभा चुनाव करीब है, मुद्दों की तलाश सभी पार्टियों द्वारा शुरू कर दी गई है। जल्द से जल्द किसी नेरेटिव को सेट करा प्रयास है, उसी प्रयास में अब कानून व्यवस्था एक बड़े मुद्दे के रूप में सामने आता दिख रहा है। इस समय देश में दो राज्यों की हिंसा चर्चा का विषय बनी हुई है। मणिपुर हिंसा ने इस समय प्रशासन पर कई सवाल उठा रखे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुए बवाल ने पूरे देश को हैरान कर दिया है।

पीएम मोदी का ममता से सवाल

इस समय मणिपुर में बीजेपी की सरकार है, बंगाल में टीएमसी के पास सत्ता है यानी कि कानून व्यवस्था के मुद्दे पर दो पार्टियों के बीच में आर-पार वाली स्थिति चल रही है। मणिपुर पर सवाल उठाया जाता है तो बंगाल की हिंसा याद दिलाई जा रही है। बंगाल की कानून व्यवस्था पर चिंता जताई जाती है तो मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार को याद करवाया जा रहा है। यानी कि चुनावी मौसम में इन दो राज्यों ने देश की सियासत में आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति को तेज कर दिया है।

इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बंगाल हिंसा पर काफी खुलकर बोला। जिस अंदाज में उनकी तरफ से वार किया गया, ये बताने के लिए काफी रहा कि चुनावी मौसम में सिर्फ निशाना साधने पर जोर नहीं है, बल्कि वहां की जनता को भी सच्चाई का आईना दिखाने का प्रयास है। पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि टीएमसी ने बंगाल में खूनी खेल खेला है। बंगाल में बिंसा को विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन इस सबके बावजूद भी हमे बंगाल की जनता का पूरा प्यार मिला है। लेकिन जब हमारे प्रत्याशी जीत गए तो उन्हें जुलूस निकालने तक की अनुमति नहीं, उन पर हमला कर दिया जाता है। इसे ही कहते हैं टीएमसी की राजनीति।

ममता ने दिखाए तेवर

टीएमसी पर एक और हमला करते हुए पीएम ने जोर देकर कहा कि बंगाल में वोटरों को भी डराने का काम किया जा रहा है। इस बारे में पीएम ने बोला कि टीएमसी पूरी कोशिश करती है कि बीजेपी का प्रत्याशी नॉमिनेशन भी फाइल ना कर सके। ये लोग सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं को नहीं डराते हैं, बल्कि वोटरों को भी धमकाने का काम करते हैं। बूथ कैपचरिंग के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिए जाते हैं। इसी तरह से टीएमसी अपनी राजनीति चलाती है।

अब बंगाल को लेकर पीएम द्वारा किए जा रहे इन हमलों का बड़े मायने हैं। पश्चिम बंगाल से लोकसभा की 42 सीटें निकलती हैं। पिछले चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 18 सीटें अपने नाम कर ली थीं। अब एक बार फिर दूसरे राज्यों में होने जा रहे अनुमानित नुकसान की भरपाई इस राज्य से करने की तैयारी है। ऐसे में ममता को घेरने के लिए कानून व्यवस्था ही सबसे बड़ा और चर्चित मुद्दा माना जा रहा है।

चुनावी कनेक्शन क्या है?

अब अगर पीएम मोदी बंगाल का मुद्दा उठा रहे हैं, तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी मणिपुर हिंसा के जरिए बीजेपी को आईना दिखाने का काम कर रही हैं। उनका कहना है कि पीएम मोदी बिना सबूत के बोल रहे हैं। आप भ्रष्टाचार के मुद्देपर कुछ नहीं बोल सकते हैं क्योंकि आप खुद पीएम केयर्स फंड, राफेल डील जैसे मामलों में फंसे हैं। कभी कबार ही लोगों को मूर्ख बनाया जा सकता है, हर बार नहीं।

सीएम ममता बनर्जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि बीजेपी मणिपुर में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कुछ नहीं बोलती, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाता। अब जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर में टीएमसी भी अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से ये राज्य टीएमसी के लिए अहम माना जा रहा है। यानी कि दो राज्यों की हिंसा भी राजनीति का केंद्र इसलिए बनी है क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और वोट पॉलिटिक्स सबसे ज्यादा जरूरी है।