पश्चिम बंगाल की राजनीति में सीएम और गवर्नर के बीच चल रही तकरार नए मोड़ पर जा पहुंची है। मंगलवार को एक एडवोकेट ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि वो अपनी सीमाओं को लांघ रहे हैं। उन्होंने कोर्ट ने गवर्नर को तत्काल हटाने की मांग की है। अदालत इस याचिका की सुनवाई को सहमत हो गई है। 11 को सुनवाई की जाएगी।
ANI की खबर के मुताबिक वकील राम प्रसाद सरकार ने गवर्नर जगदीप धनखड़ के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि जिस तरह से राज्यपाल सरकार के कामों में दखल दे रहे हैं, उससे संविधान को खतरा पहुंच रहा है।
सरकार ने आरोप लगाया कि आजाद भारत में गवर्नर के लिए एक लक्ष्मण रेखा तय की गई थी। उसके मुताबिक ही सारे सूबे काम कर रहे हैं। अलबत्ता बंगाल में जगदीप धनखड़ संविधान की मर्यादा को तार-तार करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रहे हैं। वकील का कहना है कि कोर्ट ने अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया तो लोकतंत्र की मर्यादा को टूटने से कोई नहीं बचा सकता।
बंगाल की राजनीति में ममता और धनखड़ के बीच टसल लंबे अर्से से चल रही है। सीएम का आरोप है कि गवर्नर केंद्र के इशारे पर सरकार को अस्थिर करने का काम कर रहे हैं। हालांकि, बंगाल के असेंबली चुनाव से पहले दोनों के संबंध बेहद तल्ख थे। माना जा रहा था कि ममता की तीसरी जीत के बाद धनखड़ के तेवर नरम पड़ने शुरू हो जाएंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं लग रहा है। चुनाव बाद दोनों के संबंध बिगड़े ही हैं।
हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि ममता ने सार्वजनिक तौर पर गवर्नर के ट्विटर पर ब्लाक करने की घोषणा की। उसके बाद गवर्नर से अपने तरीके से सरकार और सीएम पर हमला बोला। तब से माना जा रहा था कि दोनों के बीच की लड़ाई में अब कोई न कोई नया पैंतरा सामने आएगा। हाईकोर्ट में याचिका से साफ है कि ममता अपने धुर विरोधी को सबक सिखाकर ही रहेंगी।