पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की तरफ से दुर्गा पूजा आयोजकों को 50-50 हजार रुपए देने के फैसले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं।  सामुदायिक दूर्गा पूजा समितियों को 50 हजार रुपये देने संबंधी सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की एक खंडपीठ ने यह भी जानना चाहा कि क्या ईद जैसे अन्य त्योहारों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है।

खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या इस तरह के खर्च के लिए कोई दिशानिर्देश दिया गया है क्योंकि यह सार्वजनिक धन है जिसे पूजा आयोजकों को अनुदान के रूप में दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि आर्थिक मदद कोविड-19 नियंत्रण, सैनिटाइटर और मास्क की खरीद पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए है।

पीठ ने कहा कि व्यय के खातों को अच्छी तरह से बनाए रखा जाना चाहिए। पीठ ने सुझाव दिया कि राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास भट्टाचार्य ऐसे सभी मामलों पर एक बैठक करें और शुक्रवार को इसके नतीजों के बारे में अदालत को सूचित करे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 सितम्बर को राज्य की प्रत्येक पूजा समिति को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी।